पर्यटन की दृष्टि से विकसित होगा बाघदड़ा नेचर पार्क
एसटीपी के सीएसआर के तहत बनेगी योजनाजिला स्तरीय कमेटी में लिया गया निर्णय
जिले का एकमात्र क्रोकोडाइल पार्क बाघदड़ा नेचर पार्क को पर्यटकों के लिए नये डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जाएगा। शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला कलक्टर अरविंद पोसवाल की अध्यक्षता में आयोजित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की सीएसआर कमेटी एवं इको टूरिजम कमेटी की संयुक्त बैठक में यह निर्णय लिया गया।
शहर के सीवरेज के पानी को पुनः उपयोग में लाने लायक बनाने के लिए हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड के माध्यम से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट संचालित किये जा रहे है। जिंक के साथ किये गये एमओयू के अनुसार कॉर्पोरेट सोशल रेस्पोंसिबिलिटी के तहत प्रतिवर्ष एक करोड़ रूपये का व्यय शहर के विकास पर खर्च किया जाना है।
जिला कलक्टर ने कहा कि यह राशि भौतिक विकास की बजाय पर्यटकों को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों पर व्यय की जाए। उन्होंने मगरमच्छों के आश्रय स्थल के रूप में प्रसिद्ध बाघदड़ा नेचर पार्क को वाइल्ड लाइफ पर्यटक स्थल एवं उभयेश्वर में पर्यटन की दृष्टि से विकास कार्य करने का सुझाव दिया।
वन विभाग की ओर से बाघदड़ा के विकास की योजना प्रस्तुत की गई जिसके तहत जिप लाइन, बाउण्ड्रीवाल, बांसरोपण, चीतल एन्क्लोजर, तालाब में मगरमच्छ के लिए माउण्ट विकसित करने, बच्चों के लिए खेल पार्क, वॉच टावर, तलाई निर्माण, पर्यटकों के कैफेटेरिया व अन्य सुविधाएं जैसे कार्य शामिल किये गये।
जिला कलक्टर ने इन कार्यों को दो चरणों में बांटते हुए मार्च माह में कार्य प्रारंभ करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नेचर पार्क में क्रोकोडाइल पहले से मौजूद है। चीतल एन्क्लोजर बनने से पेंथर का मूवमेंट भी बढ़ेगा। इससे वाइल्ड लाइफ टूरिज्म को नये आयाम मिलेंगे।
बैठक में नगर निगम आयुक्त रामप्रकाश, उप वन संरक्षक डी.के.तिवारी, अजय चित्तौड़ा, प्रोबेशनरी आईएफएस कुमार शुभम, नगर निगम के अतिरिक्त मुख्य अभियंता मुकेश पुजारी, स्मार्ट सिटी एक्सईएन दिनेश पंचोली, हिन्दुस्तान जिंक के कॉर्पोरेट अफेयर्स वाइस प्रसिडेंट विजय रमण, देबारी प्लांट के सहायक महाप्रबंधक राम शर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे
मुख्य सड़कों पर फुलवारी विकसित करने के दिए निर्देशजिला कलक्टर ने शहर के चुनिंदा मुख्य मार्गों के डिवाइडर पर फुलवारी विकसित करने के निर्देश दिए। इसके लिए 50 लाख के बजट का प्रावधान करते हुए कहा कि इन फुलवारियों में विभिन्न प्रकार के मौसमी फूल लगवाए जाए। मौसम के अनुसार इनमें बदलाव किया जाए ताकि राहगीरों व पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र बने एवं शहर की यह सड़के अपनी विशिष्ट पहचान के लिए जानी जाए