लोकतांत्रिक संस्थाओं को सुदृढ़ करने में सीपीए का अभूतपूर्व योगदान : लोकसभा अध्यक्ष
उदयपुर. राष्ट्रमण्डल संसदीय संघ (सीपीए) का 9वां भारत क्षेत्र सम्मेलन सोमवार से झीलों की नगरी उदयपुर में शुरू हुआ। सम्मेलन में लोकतांत्रिक संस्थाओं की मजबूती, जनप्रतिनिधियों को अधिक उत्तरदायी बनाने, डिजिटल सशक्तिकरण से गुड गवर्नेंस जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर मंथन प्रारंभ हुआ। सीपीए भारत क्षेत्र सम्मेलन के तहत प्रथम दिन सोमवार सुबह होटल ताज अरावली में सीपीए कार्यकारी समिति की बैठक हुई।
इसमें लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह, राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी सहित अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलन कर सम्मेलन का शुभारंभ किया। सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि वर्ष 1911 में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की स्थापना हुई थी, तब इसमें 57 देश थे।
इसके बाद निरंतर इसका विस्तार होता गया। इस संघ ने लोकतांत्रिक संस्थाओं को सुदृढ़ करने में अभूतपूर्व योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत का लोकतंत्र मजबूत है, यहां सदियों से लोकतंत्र की परंपरा रही है। आज देश की आबादी विश्व में सबसे अधिक है। इसके अलावा हम सबसे बड़ा लोकतंत्र भी हैं। देश में काफी विविधता विद्यमान है जिस वजह से हमारी चुनौती और बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि आज संसदीय संस्थाओं में संवाद का स्तर गिरा है, सदन में गरिमा जरूरी है।
उन्होंने कहा कि कई विधानसभाओं ने पेपरलेस होने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं और कई विधानसभा अपने कार्यवाहियों को ऑनलाइन कर रही है जो अच्छा कदम है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि सीपीए इंडिया लोकतांत्रिक प्रणाली की मजबूती के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन कर विचारों और नवाचारों से लोक कल्याण की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी पी जोशी ने कहा कि सीपीए का मुख्य उद्देश्य प्रजातंत्र को सुदृढ़ बनाना है। इसके माध्यम से संसद प्रमुख तथा विभिन्न राज्यों की विधायिका के प्रमुख, जनप्रतिनिधिगण आदि मिलकर लोकतंत्र की मजबूती के लिए मंथन करते हैं। कॉमन नीति बनाकर उस पर अमल करते हैं, इससे लोकतंत्र को सुदृढ बनाने में मदद मिलती है। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाड़िया, भेरोसिंह शेखावत आदि ने पार्लियामेंट्री डेमोक्रेसी के लिए जो कार्य किये है वे अनुकरणीय हैं।
इस कॉन्फेंस के लिए उदयपुर का चयन होना गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि संसदीय लोकतंत्र के माध्यम से हमने देश को आगे बढ़ाने का कार्य किया है। जनता की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए सदन पूरा चले और सदन प्रभावशाली होगा तो नीतियां बनेगी और राष्ट्रहित में उपयोगी साबित होगी। सदन पूरा नहीं चलता तो इससे देश और लोकतंत्र दोनों को नुकसान होता है। सीपीए के माध्यम से उन नीतियों पर मंथन होगा कि सदन को कैसे सुगमतापूर्वक चलाया जाए, ताकि आमजन के हितों के मुताबिक नीति-नियमों का निर्धारित किया जा सके।
सीपीए मुख्यालय के चेयरपर्सन इयान लिडेल ग्रेंजर ने कहा कि राजस्थान की धरती पर आना एक अच्छा अवसर है। हम सभी एक परिवार हैं। सीपीए सम्मेलन के दौरान हम सभी को एक दूसरे के विचारों को साझा करते हुए सीखने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि आज विश्व के सामने आतंकवाद, सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियां विद्यमान है। विचारों को साझा करना निरंतर जरूरी है, यही आपकी सफलताएं तय करता है और इसी से समस्याओं का समाधान मिलता है।
सम्मेलन में लोकसभा के महासचिव उत्पल कुमार सिंह और राजस्थान विधानसभा के प्रमुख सचिव महावीर प्रसाद शर्मा सहित देश की विभिन्न विधानसभाओं के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, विधान परिषदों के सभापति, उपसभापति, सचिव, राजस्थान सरकार के मंत्रीगण और विधायकों सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।