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उदयपुर से गया पूरे देश में पहुंचा कौमी एकता का संदेश

 उदयपुर से गया पूरे देश में पहुंचा कौमी एकता का संदेश

राष्ट्र स्तरीय कौमी एकता कार्यक्रम में देश के विभिन्न हिस्सों से पहुंचे गांधी विचारक

उदयपुर 9 मार्च। शांति एवं अहिंसा विभाग की ओर से राष्ट्र स्तरीय कौमी एकता कार्यक्रम का आगाज उदयपुर के नाथद्वारा मार्ग स्थित निजी रिज़ॉर्ट में हुआ। इस मौके पर देश के कई हिस्सों से गांधी विचारक एवं सांप्रदायिक सौहार्द के क्षेत्र में कार्य कर रहे व्यक्ति तथा संस्थाओं के प्रतिनिधि पहुंचे.

महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति के जिला संयोजक पंकज शर्मा ने बताया कि प्रातः 11 बजे उद्घाटन सत्र आयोजित हुआ जिसमें शहीद भगत सिंह के भांजे जगमोहन सिंह, गांधी विचारक कुमार प्रशांत, राज्य मंत्री शंकर यादव, शांति एवं अहिंसा विभाग निदेशक मनीष शर्मा, जिला कलेक्टर तारा चंद मीणा सहित अन्य कई अतिथि मौजूद रहे। उद्घाटन सत्र के पश्चात व्याख्यान का दौर शुरू हुआ। सायं सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ प्रथम दिवस के कार्यक्रमों का समापन हुआ।

देश-प्रदेश में कायम रहे भाईचारा
व्याख्यान के दौरान शांति एवं अहिंसा विभाग निदेशक शर्मा ने कहा कि राजस्थान देश का पहला राज्य है जहां शांति एवं अहिंसा विभाग की स्थापना की गई है। उन्होंने कहा कि जिस घर में शांति रहती है वह घर तरक्की करता है, लिहाजा देश-प्रदेश में शांति का माहौल कायम रहना चाहिए जिससे कि हम निरंतर प्रगति करते रहें। उन्होंने कहा कि आग लगाना बहुत आसान है, आग एक माचिस की तीली से भी लगाई जा सकती है, लेकिन उस आग को शांत करने के लिए की लोगों को सामूहिक प्रयास करने पड़ते हैं, इसी प्रकार आज हमें भी भाईचारे को प्रोत्साहित करने के लिए सामूहिक प्रयास करने होंगे।

गाँव-गाँव तक जाए गांधी का संदेश
शर्मा ने कहा कि गांधी दर्शन को नई पीढ़ी तक पहुँचने के लिए राज्य सरकार के प्रयास सराहनीय है और हमारा कर्तव्य है कि हम गांधी दर्शन को गाँव-गाँव तक लेकर जाएं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से हमने कभी कुछ नहीं मांगा लेकिन फिर भी उन्होंने आगे बढ़ कर शांति एवं अहिंसा प्रकोष्ठ और फिर निदेशालय एवं विभाग की स्थापना की जिसके लिए सीएम का जितना भी आभार व्यक्त किया जाए कम है। शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने गांवों में गांधी दर्शन पहुंचाने के उद्देश्य से 50 हजार महात्मा गांधी सेवा प्रेरकों की घोषणा की है जो ऐतिहासिक कदम है। इसके अलावा 2500 महात्मा गांधी पुस्तकालय की घोषणा भी सराहनीय कदम है। इन प्रयासों से हर व्यक्ति तक गांधी दर्शन पहुंचेगा।

शांति एवं अहिंसा विभाग के गठन की गंभीरता समझें
गांधी विचारक कुमार प्रशांत ने कहा कि राज्य में शांति एवं अहिंसा विभाग का गठन कोई आम बात नहीं है, इस विषय की गंभीरता को हमें समझना होगा। जिस उद्देश्य से इस विभाग की स्थापना हुई है उन उद्देश्यों को पूरा करने के लिए पूरी सक्रियता के साथ फील्ड में काम करना होगा। उन्होंने कहा कि भारत विश्व का इकलौता देश है जहां हर जाति-मजहब के लोग निवास करते हैं और भाईचारे के साथ जीवन यापन करते हैं। उन्होंने कहा कि हमें ऐसी ताकतों को रोकना होगा जो सांप्रदायिक सौहार्द खराब करने का प्रयास करती है। यह देश हर मजहब और जाति के लोगों से मिल कर बना है। दुनिया के लोग आश्चर्य करते हैं कि हिंदुस्तान में विश्व के सभी मजहबों और संस्कृतियों के लोग निवास करते हैं और फिर भी मिलजुल कर कैसे रह लेते हैं। छोटी-मोटी घटनाएं जरूर होती हैं लेकिन हम फिर से और मजबूत बन कर उठ खड़े होते हैं और पूरी दुनिया को कौमी एकता का संदेश देते हैं।

कश्मीर-गोरखपुर सहित देश के विभिन्न हिस्सों से पहुंचे विचारक
कार्यक्रम में आल इंडिया पीरा मिशन के अध्यक्ष तथा हमारी पंजाबी बिरादरी में कौमी एकता के प्रमुख अध्यक्ष दया सिंह, कश्मीर से कौमी एकता की प्रमुख आवाज एसपी वर्मा, गांधी ग्लोबल फैमिली के प्रमुख एसपी वर्मा, शहीदे आजम भगत सिंह के भांजे प्रो. जगमोहन सिंह, नागरिकता आंदोलन से जुड़े प्राध्यापक आरिश खुदाई खिदमतगार, आरिश मोहम्मद फैजान, गोरखपुर से सम्पूर्ण क्रांति आंदोलन प्रमुख विजय सिन्हा, गांधी विचारक माइकल मार्टिन गुजरात, फैजल खान खिदमतगार, अब्दुल हमीद कश्मीर, कलानंद मणि गोवा सहित अन्य गांधी विचारकों ने देश में कौमी एकता को बढ़ावा देने को लेकर व्याख्यान में अपने विचार प्रस्तुत किए।

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