उदयपुर के दो बड़े आईवीएफ सेंटर्स पर सीजीएसटी विभाग का छापा: कराड़ो की कर चोरी का भंडाफोड़  

 उदयपुर के दो बड़े आईवीएफ सेंटर्स पर सीजीएसटी विभाग का छापा: कराड़ो की कर चोरी का भंडाफोड़  

केंद्रीय माल एवं सेवा कर विभाग (CGST) की उदयपुर एंटीइवेजन शाखा ने शहर के दो बड़े आईवीएफ सेंटर पर छापा मार करोड़ो की कर चोरी का खुलासा किया है. विभाग ने कुम्हारों का भट्टा स्थित इंदिरा आईवीएफ और भुवाना स्थित नीलकंठ फर्टिलिटी एंड वुमन हॉस्पिटल में कार्यवाही की गई.

जानकारी के अनुसार इंदिरा आईवीएफ द्वारा 157 करोड़ रूपये के टैक्सेबल वैल्यू पर नियमानुसार देय जीएसटी 24.71 करोड़ रूपये टैक्स का भुगतान नहीं किया. वही नीलकंठ फर्टिलिटी द्वारा 52.63 करोड़ रूपये की टैक्सेबल वैल्यू पर नियमानुसार देय जीएसटी 9.47 करोड़ रूपये का भुगतान नहीं किया.

इंदिरा आईवीएफ के परिसर में विभाग के दर्जनभर अधिकारियो द्वारा उपायुक्त, एंटी इवेजन के नेत्रत्व में सर्च कार्यवाही की गई जो मध्य रात्रि तक चली. इस दौरान पाया गया कि कंपनी द्वारा इनफर्टिलिटी को दूर करने के लिए जो सेवाएं दी जा रही है उसे कंपनी द्वारा गलत क्लासिफाई करके हेल्थ केयर सर्विस श्रेणी में मानकर जीएसटी exemption notification का गलत फायदा उठाकर देय जीएसटी का भुगतान नहीं किया जा रहा.

इंदिरा आईवीएफ की जांच में सामने आया कि इन सेंटर्स में मरीजों की जांच के लिए जो भी पैसा वसूला जाता है उसका एक भाग डायग्नोस्टिक लैब को जाता है और बाकि इंदिरा आईवीएफ अपने पास रख देता है. इस तरह जुलाई 2017 से मार्च 2021 तक कंपनी द्वारा 9.15 करोड़ रूपये ग्राहकों से वसूले गए जिसमे से 4.48 करोड़ रूपये ही लैब को दिए गए. बाकी की राशि इंदिरा आईवीएफ हॉस्पिटल ने रख ली. इस प्रकार इंदिरा आईवीएफ द्वारा 24.71 करोड़ की जीएसटी चोरी करना सामने आया.

इसी तरह नीलकंठ फर्टिलिटी में भी मरीजों की जांच के लिए जो भी पैसा वसूला जाता है उसका एक भाग डायग्नोस्टिक लैब को देकर शेष राशि नीलकंठ फर्टिलिटी एंड वुमन हॉस्पिटल अपने पास रख देता है जिस पर जीएसटी देय बनती है. जानकारी के अनुसार कंपनी द्वारा वर्ष 2018-19 एवं 2020-21 में ग्राहकों से 3 करोड़ 68 लाख रूपये वसूले गए थे जिसमे 1 करोड़ 30 लाख रूपये ही डायग्नोस्टिक लैब दिए गए बाकी की राशि अस्पताल ने खुद रख ली जिसपर 42.83 लाख रूपये की जीएसटी देय बनती है.

विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार नीलकंठ फर्टिलिटी हॉस्पिटल द्वारा 9.47 करोड़ रूपये की जीएसटी चोरी करना पाया गया. अधिकारियो ने ज़रूरी दस्तावेज़ जब्त कर आगे की कार्यवाही शुरू कर दी है.

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