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हस्तशिल्प संरक्षण के लिए सीसीआरटी द्वारा विभिन्न कलाओं पर कार्यशाला

 हस्तशिल्प संरक्षण के लिए सीसीआरटी द्वारा विभिन्न कलाओं पर कार्यशाला

उदयपुर, 9 फरवरी। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत सीसीआरटी क्षेत्रीय केंद्र, उदयपुर द्वारा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, अदवास” में भारतीय हस्तशिल्प कला पर व्याख्यान, पेपरमेशी, रंगोली (मांडना) एवं मूकाभिनय प्रदर्शन पर आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला बुधवार को सम्पन्न हुई। इसमें कुल 388 विद्यार्थियों को प्रतिदिन तीन घंटे सीसीआरटी के अनुभवी विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया गया।

कार्यक्रम के तहत दीपक दीक्षित ने मूकाभिनय, राजाराम व्यास ने रंगोली (मांडना) व कैलाश खटीक ने पेपरमेसी का प्रशिक्षण दिया। छात्रों ने विशेष रुचि प्रदर्शित करते हुए कई शिल्प भी तैयार किये। बसंत कश्यप ने भारतीय कला पर व्याख्यान दिया गया।  छात्रों द्वारा कई लघु नाटिकाएँ तैयार की गई। समापन समारोह के अवसर पर सीसीआरटी के परामर्शक दिनेश कोठारी, संस्थान के प्रधानाध्यापक कमल जोशी आदि उपस्थित थे।

पहली बार आदिवासी इलाके में दिया प्रशिक्षण:

सीसीआरटी के परामर्शक दिनेश कोठारी ने बताया कि सीसीआरटी क्षेत्रीय केंद्र द्वारा पहली बार उदयपुर से 50 किमी दूर आदिवासी इलाके में विशेषज्ञों द्वारा छात्रों को प्रशिक्षण दिया गया। सीसीआरटी शिक्षा को कला एवं संस्कृति से जोड़ता है। इन कार्यशालाओं का उद्धेश्य यही है कि ग्रामीण क्षेत्रों से भी कला के क्षेत्र में प्रतिभाएं उभरकर सामने आए। कला और संस्कृति के प्रति छात्रों मे अभिरुचि पैदा करने व प्रोत्साहन के लिए विभिन्न विषयों पर सीसीआरटी के अनुभवी विशेषज्ञों द्वारा स्थानीय विद्यालयों में आगामी माह मार्च तक कार्यशालाओं का आयोजन किया जायेगा।

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