ग्रिष्मकालिन नाट्य कार्यशाला ‘‘तराश 2023’’ का समाप

 ग्रिष्मकालिन नाट्य कार्यशाला ‘‘तराश 2023’’ का समाप

राजस्थान संगीत नाटक अकादमी, जोधपुर एवं नाट्यांश सोसाइटी ऑफ ड्रामैटिक एंड परफॉर्मिंग आर्ट, उदयपुर के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित, 22 दिवसीय प्रस्तुतिपरक नाट्य कार्यशाला ‘‘तराश 2023’’ का समापन रविवार 4 जुन 2023 को किया गया।

इस अवसर पर दो नाटक क्रमशः नन्हा नकलची और वल्लभपुर की रूपकथा का प्रर्दशन किया गया। नाटक की समाप्ती पर दोनो ही नाटकों के प्रतिभागियों को वरिष्ठ रंगकर्मी सुनिल मित्तल व जतन संस्थान के सचिव व संस्थापक केलाश बृजवासी ने प्रमाण पत्र प्रदान किये।

इस कार्यशाला में कुल 30 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। कार्यशाला के अंतर्गत, नाट्यांश ने जतन संस्थान के ‘अपना जतन केन्द्र’ पर जा कर, मुख्य धारा से वंचित बच्चों को भी रंगमंच की कला से रूबरू कराया। इन सभी प्रतिभागियों ने इन 22 दिनों में उच्चारण, शारीरिक अभिनय, संवाद, अदायगी एवं काल्पनाशिलता पर कार्य किया।

कार्यक्रम की शुरूआत, नन्हा नकलची नाटक के मंचन के साथ की गयी। इस नाटक का लेखन मिशियो कातोह ने किया है और निर्देशन रेखा सिसोदिया द्वारा किया गया। इस कार्य में बतौर सह निर्देशक मोहम्मद रिज़वान मंसूरी ने सहयोग किया।

नन्हा नकलची के कलाकारों में नन्हें नकलची – अशोक मीणा, चना-जोर वाला – आनंद भाट, सब्जी वाली – ख़ुशी भाट, अंजलि मीणा, वर्षा गमेती, खरीददार – मधु मीणा, मिठाई वाली – रिया भाट, पुलिस वाला – ऋषि भाट, खेलने वाले बच्चे – दीपिका मीणा, पीरु नायक, राहुल मीणा, परी भाट, रेणु भाट, सबक सिखाने वाले – विद्या झाला, विजय मीणा,कोमल श्रीवास्तव, श्रीनाथ – भाविन सपरा, पवन – मुदित सुहालका और बच्चों की भुमिका में रेयांश कस्तुरी, आर्य भंडारी, अक्षिल जैन, धानी कुमारी जैन ने अपने अभिनय की से दर्शको का मन मोह लिया।

इसी क्रम में आगे बल्लभपुर की रूपकथा नाटक का मंचन किया गया। इस नाटक के लेखक बादल सरकार है और निर्देशन रेखा सिसोदिया ने ही किया है। सह निर्देशक के रूप में अशफ़ाक नूर खान पठान ने सहयोग किया।

नाटक में भूपति की भुमिका में यश जैन, संजीव की भुमिका में हर्ष दुबे, हलदार की भुमिका में कुशाग्र राजन भाटिया, स्वप्ना की भुमिका में रिया नागदेव, चंदा की भुमिका में कृष्णा शर्मा, मनोहर की भुमिका में दिव्यांश डाबी, चौधरी की भुमिका में भूपेंद्र कुमावत, साहू की भुमिका में ईशान जोशी, श्रीनाथ की भुमिका में भाविन सपरा, पवन की भुमिका में मुदित सुहालका व बच्चांे की – रेयांश कस्तुरी, आर्य भंडारी, अक्षिल जैन, धानी कुमारी जैन ने अभिनय किया।

मंच-पार्श्व में मंच निर्माण व प्रकाश अशफ़ाक नूर खान पठान, मंचव्यवस्था – मुहम्मद रिज़वान मंसूरी, मंच सहायक – उर्वशी कंवरानी, रतन सेठिया, अरशद कुरेशी, सानविका मेहता, अगस्त्य हार्दिक नागदा, सर्वेश शर्मा, वेशभूषा एवं रूपसज्जा – योगिता सिसोदिया, संगीत – रेखा सिसोदिया, पूर्वी कौर द्वारा किया गया। दोनो ही नाटको का निर्देशन रेखा सिसोदिया द्वारा किया गया।

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