थर्स्टी क्रो रिटर्न्स ने हंसाया,रुलाया और सोचने को मजबूर किया
पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से आयोजित मासिक नाट्य संध्या ‘रंगशाला’ में मंचित नाटक ‘थर्स्टी क्रो रिटर्न्स ’ में वयस्क कलाकारों ने पशु पक्षियों के मुखौटे लगाकर चुटीले संवादों से दर्शकों को विस्मित किया,हंसाया,रुलाया और प्रदूषण से पर्यावरण को होने वाले नुकसान की ओर भी इंगित किया. रविवार को आयोजित हुए नाट्य मंचन में श्रोताओं ने महसूस किया कि नाटक एक सशक्त सजीव माध्यम है जो कलाकारों और दीर्घा के दर्शकों में भावनात्मक रिश्ता बनाता है.
हरियाणा के मनीष जोशी द्वारा लिखित और पश्चिम बंगाल के नाट्य निर्देशक द्वारा निर्देशित इस नाटक ने अपनी मौलिक अदायगी से दर्शकों पर अमिट छाप छोडी.
हुगली,पश्चिम बंगाल की थिएटर शाइन नाट्य संस्था ने इस नाटक के ज़रिये पर्यावरण के प्रति जागरूकता बनाने और मानवीय मूल्यों को स्थापित करने की ईमानदारी से कोशिश की.
विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर इस नाटक की प्रस्तुति ने सांस्कृतिक केंद्र की गतिविधि को अधिक प्रासंगिक बनाया|
रंगशाला में आज पूर्व चीफ कंजरवेटर ऑफ़ फोरेस्ट और ग्रीन पीपल सोसायटी के अध्यक्ष राहुल भटनागर ने पिछवाई पोर्टफोलियो देकर नाट्य निर्देशक सुवोजित बंद्योपाध्याय को सम्मानित किया |