शिल्पग्राम में हुईं योगाभ्यास, भरतनाट्यम, मूकाभिनय और संगीत की शानदार प्रस्तुतियाँ
पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र ,उदयपुर ने आज विश्व योग दिवस और विश्व संगीत दिवस पर योग, साधना, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मनोरम कार्यक्रम आयोजित किये.
शिल्पग्राम में सुबह मीरा उपाध्याय की टीम द्वारा विधिवत योगाभ्यास कराये गए जिनमें विभिन्न आसनों के प्रदर्शन और प्रयोग हुए. जिनमें कलाकारों और जन समुदाय की सक्रिय भागीदारी रही. केंद्र निदेशक किरण सोनी गुप्ता ने शरीर और मन को स्वस्थ रखने की बात पर जोर दिया. दर्पण प्रेक्षागृह में भरतनाट्यम गुरु पूजा नाथावत के निर्देशन में उनके शिष्य शिष्याओं द्वारा विनायक वन्दना, देवी स्तुति , राम धुन और मिश्र अलारिपू की शानदार प्रस्तुतियां दीं और स्वयं गुरु पूजा नाथावत ने कीर्तनम का उत्कृष्ट प्रदर्शन दिया.
मूकाभिनयों के प्रदर्शन के दौरान 25 कलाकारों ने मौलिक हास्य पर आधारित दर्शकों का खासा मनोरंजन किया. डस्टबिन, प्लान्टेशन वीक वर्सेस प्लान्टेशन वीक और वॉटर नामक मूकाभिनयों में जहाँ एक ओर दर्शकों को खूब हंसाया वहीं सामाजिक सन्देश भी दिए. सांस्कृतिक केंद्र की ओर से 14 दिवसीय मूकाभिनय कार्यशाला में शहर के 7 वर्ष से 69 वर्ष तक के रंगमंच जिज्ञासुओं को संगीत नाटक अकादमी अवार्ड प्राप्त विलास जानवे ने मूकाभिनय का प्रशिक्षण दिया था. कार्यशाला में किरण जानवे ने सहनिर्देशन किया और मनीष शर्मा ने सहायक निर्देशक की भूमिका निभाई.
विश्व संगीत दिवस और पंडित कुमार गन्धर्व की जन्म शताब्दी को ध्यान में रखते हुए संत कबीर दास जी के एक भजन –हीरना समझ बूझ बन चरना- को मूकाभिनय शैली में प्रस्तुत कर दर्शकों को आत्मविभोर कर दिया | पंडित कुमार गंधर्व ने इस भजन को उम्दा स्वरों से महान बना दिया | मूकाभिनय में इस नवाचार का दर्शकों ने बहुत स्वागत किया.
बाड़मेर के लूणे खाँ मांगणियार ने मीरा और कबीर भजन प्रस्तुत किए, लुधियाना के गायक आइरिश सोनी ने गीत गाये।
सांस्कृतिक केंद्र की निदेशक श्रीमती किरण सोनी गुप्ता ने बताया कि सांस्कृतिक केंद्र नवाचार के लिए प्रतिबद्ध है | कार्यक्रम के अंत में उन्होंने मूकाभिनय के कलाकारों को प्रमाणपत्रों से सम्मानित किया | सम्पूर्ण कार्यक्रम का दुर्गेश चांदवानी और प्रेरणा पंडया ने सुरुचिपूर्ण सञ्चालन किया |