पांचवी राष्ट्रीय कार्डियक समिट शनिवार से

 पांचवी राष्ट्रीय कार्डियक समिट शनिवार से

देशभर के हृदय रोग विशेषज्ञ बीमारी और उपचार तकनीकों पर करेंगे विचार विमर्श

उदयपुर। भारत में हृदय रोगियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। देश में 10 से 11 प्रतिशत नये कैंसर रोगी सामने आते हैं वहीं डायबिटिज मरीज के कैसेज में ये आंकड़ा 20 से 25 प्रतिशत तक पहुंच जाता है।

हर साल तीस लाख से ज्यादा लोगों की हृदय संबंधी रोगों के कारण मृत्यु हो जाती है। आज के समय में हृदय रोगियों में युवाओं की संख्या काफी बढ़ती जा रही है ये चिंता का विषय है। हृदय रोग के लक्षण अचानक से सामने नहीं आते हैं जबकि कुछ समय पहले से व्यक्ति इसके लक्षणों को महसूस करता है लेकिन नजरअंदाज करता है। हृदय रोगियों को सही, सफल और नवीन उपचार उपलब्ध हो तथा विभिन्न उपचार तकनीकों पर वार्ता करने के लिए उदयपुर में दो दिवसीय हृदय रोग विशेषज्ञों के सम्मेलन का आयोजन हार्ट एंड रिदम सोसायटी की ओर से किया जा रहा है।

पांचवी कार्डियक समिट 19 व 20 नवम्बर को होगी है। सम्मेलन के अकेडमिक पार्टनर एपीआई चेप्टर उदयपुर तथा पारस हॉस्पिटल उदयपुर हैं। सम्मेलन के आयोजन चेयरमैन डॉ. अमित खण्डेलवाल और डॉ. एस. के. कौशिक, डॉ. कपिल भार्गव तथा डॉ. मुकेश शर्मा सरंक्षक हैं ।

आयोजन चेयरमैन डॉ. अमित खण्डेलवाल ने बताया कि स्वस्थ हृदय के लिए कार्डियोलॉजी में नवाचारों को सार्वजनिक करना थीम पर होने इस सम्मेलन में देशभर के हृदय रोग विशेषज्ञ शिरकत कर रहे हैं।

शनिवार को सम्मलेन की शुरूआत डॉ. खुश कुमार भगत द्वारा ईसीजी सवाल जबाव तथा केस बेस्ड डिस्कशन से होगी, इसके बाद इको वर्कशॉप के माध्यम से महत्वपूर्ण और अनूठे केसेज पर वार्ता की जाएगी। डॉ. राहुल गुप्ता हाइपरटेंशन की वर्तमान स्थिति और उपचार विधियां और दिशा निर्देश पर अपने विचार रखेंगे।

लिपोडोलॉजी में हमारी क्या स्थिति है, स्ट्रोक से बचाव में एट्ररियल फिब्ररीलेशन का उपयोग किन स्थितियों में और कैसे किया जाए इस विषय पर डॉ. दीपेश अग्रवाल अपने अनुभव और नवीन तकनीकों के बारे में अपना पेपर प्रस्तुत करेंगें ।

हार्ट अटैक के केसेज में नवीन दवाओं के चयन और उसकी अवधि पर केस आधारित वार्ता के साथ-साथ हार्ट अटैक के केसेज में कौन-कौन से नये स्टेण्ड उपयोग में लिये जा सकते हैं इस पर डॉ.राम चिथलंगिया, डॉ. निखिल चौधरी, डॉ संजीव शर्मा करेंगे साथ ही बीआरएस की उपचार का वर्तमान स्थितियों में लाभ पर बातचीत की जाएगी।

दूसरे दिन मेटाबॉलिक सिम्पोसिजम में हार्ट फैल्योर सिम्पोसियम में थैरेपी के लाभ, पारम्परिक विधियों और नवीन तकनीकों पर तुलनात्मक अध्ययन मुम्बई के डॉ. प्रवीण कहाले द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा।

शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक सुस्वास्थ्य की आवश्यकता पर दिल्ली के डॉ. मोहित गुप्ता अपने अनुभव और विचार साझा करेंगे।

हार्ट अटैक के मामलों में ओपन हार्ट सर्जरी के स्थान पर नवीनतम तकनीक टीवी के प्रयोग और सफलता पर डॉ. विजय महरोत्रा पेपर प्रस्तुत करेंगे।

यहां आईवीयूएस ओसीटी, रोटोब्लेशन और एफएफआर की भूमिका और मरीजों में सफलता पर एम्स दिल्ली के डॉ. संदीप मिश्रा अपनी बात रखेंगे।

मेटाबॉलिक सिम्पोसिजम में कार्डियोवस्क्यूलर रिनल डायबिटिज में नयी तकनीकों से उपचार करने से मरीजों को लाभ तथा नवीन पारम्परिक तकनीकों के प्रयोग पर विषेष बात की जाएगी।

हृदय रोग के मामलों में बीमारी से पहले रोकथाम को लेकर जागरूकता और जांचों के बारे में नई दिल्ली के रवि आर कासलीवाल अपने विचार रखेंगे।

सम्मेलन में नेशनल फेकल्टी डॉ. संदीप मिश्रा, डॉ. मोहित गुप्ता, डॉ. संजय महरोत्रा, डॉ. प्रवीण कहाले, डॉ. प्रशान्त आडवाणी, डॉ. संजीव शर्मा, डॉ. कपिल कुमावत, डॉ. निखिल चौधरी, डॉ. अंशु काबरा, डॉ. पुनीत सक्सेना हृदय रोगां पर अपने विचार रखेंगे।

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