दी डूंगरपुर सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लि. के दो अधिकारी 1.50 लाख रिश्वत लेते गिरफ्तार
उदयपुर ए.सी.बी. द्वारा डूंगरपुर में स्थित ‘दी डूंगरपुर सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लि के प्रधान कार्यालय प्रबन्धक व शाखा कनबा के कार्यवाहक शाखा प्रबन्धक को 1,50000/-रूपये रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है. दोनों अधिकारीयों के आवास एवं अन्य ठिकानों पर तलाशी जारी है.
ए.सी.बी. मुख्यालय के निर्देश पर उदयपुर इंटेलिजेंस इकाई द्वारा आज डूंगरपुर में कार्यवाही करते हुये दी डूंगरपुर सेन्ट्रल को-आॅपरेटिव बैंक के प्रबंधक मितार्थ श्रीमाली तथा बैंक शाखा कनबा के क्लर्क विकास गुप्ता को परिवादी से एक बिल पास करने की एवज 1,50000/-रूपये रिश्वत लेते पकड़ा गया.
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक भगवान लाल सोनी ने बताया कि ए.सी.बी. की उदयपुर इन्टे. इकाई को परिवादी द्वारा शिकायत दी गई कि खजूरी लेम्पस के भवन निर्माण कार्य हेतू वर्ष 2015-16 के बजट में सहकारिता विभाग द्वारा 10 लाख रूपये की राशि स्वीकृत हुई थी, उक्त भवन निर्माण के स्वीकृत बजट में शेष बची राशि 2 लाख रूपये के भुगतान का बिल पास करने की एवज में बैंक प्रबंधक मितार्थ श्रीमाली, तथा कार्यवाहक शाखा प्रबंधक विकास गुप्ता द्वारा क्रमशः 1,25000/-रूपये एवं 25,000/-रूपये रिश्वत राशि मांगकर परेशान किया जा रहा है.
जिस पर एसीबी उदयपुर के उप महानिरीक्षक पुलिस राजेन्द्र प्रसाद गोयल के सुरपविजन में उदयपुर इन्टे. इकाई के उप अधीक्षक पुलिस दिनेश सुखवाल के नेतृत्व में शिकायत का सत्यापन किया गया.
राजेन्द्र मीणा उप अधीक्षक पुलिस, हरिशचन्द्र सिंह पुलिस निरीक्षक व टीम के बैंक शाखा कनबा में कार्यवाही करते हुए मितार्थ श्रीमाली को परिवादी से स्वयं के हिस्से के 1,25000/-रूपये तथा विकास गुप्ता को स्वयं के हिस्से के 25,000/-रूपये रिश्वत राशि लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है.
एसीबी के अतिरिक्त महानिदेशक दिनेश एम.एन. के निर्देशन में आरोपियों के आवास व अन्य ठिकानो पर तलाशी जारी है। एसीबी द्वारा मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अन्तर्गत प्रकरण दर्ज कर अग्रिम अनुसंधान किया जायेगा।