भारत डेनमार्क जल प्रबंधन शोध योजना: स्कूली विद्यार्थियों ने सीखा पानी मापना व जांचना

 भारत डेनमार्क जल प्रबंधन शोध योजना: स्कूली विद्यार्थियों ने सीखा पानी मापना व जांचना
  • उदयपुर के जल प्रबंधन से जुड़ेंगे
  • अपने अपने क्षेत्र के पानी को मापेंगे व जांचेंगे

विद्या भवन पॉलिटेक्निक तथा डवलपमेंट अल्टरनेटिवज्व नई दिल्ली के संयोजकत्व मे रविवार को आयोजित कार्यशाला मे सिसारमा, मदार, थूर के राजकीय विद्यालयों तथा आलोक, विद्या भवन, अभिनव स्कूलों के विद्यार्थियों, शिक्षक शिक्षिकाओं ने पानी मे पी एच, कठोरता, टी डी एस, क्लोराइड, नाइट्रेट, घुलनशील आक्सीजन, जीवाणुओं की मात्रा को जांचना सीखा।

ये विद्यार्थी उनके शिक्षण संस्थान के माध्यम से अपने अपने क्षेत्र की बरसात का मापन करेंगे , भूजल मे उतार चढ़ाव को समझेंगे व जल की गुणवत्ता की जांच निरंतर रूप से करेंगे। एक क्षेत्र के 100 नमूने जांचे जायेंगे। इससे उदयपुर मे क्षेत्र अनुसार बरसात की मात्रा व क्वालिटी मे भिन्नता का आंकलन हो सकेगा। यह मापन व जांच उदयपुर के सहभागी जल प्रबंधन मे उपयोगी साबित होगा।

उल्लेखनीय है कि भारत डेनमार्क जल प्रबंधन शोध योजना के तहत आयड़ नदी के पूरे बेसिन को 25 जल क्षेत्रों मे विभाजित कर हर क्षेत्र मे एक रेन गेज स्थापित किया गया है। तथा क्षेत्र के किसी शिक्षण अथवा नागरिक संस्थान को जल जांच किट दिया गया है। यह मुहिम उदयपुर के झीलों, तालाबों व भूजल के समग्र प्रबंधन मे आम नागरिक की सक्रिय वैज्ञानिक सहभागिता को सुनिश्चित करेगी।

विद्या भवन मे आयोजित कार्यशाला मे ॠषिहुड विश्वविद्यालय के जल केंद्र के निदेशक संजय गुप्ता व पॉलिटेक्निक प्राचार्य डॉ अनिल मेहता के निर्देशन मे डॉ योगिता दशोरा, निधि शेरावत तथा विक्रम रेगर ने पानी माप व जांच की विधियों को सिखाया।

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