परदेसी पाँवणों के लिए पलक-पाँवड़े बिछा कर बैठा है पूर्व का वेनिस
Article by – डॉ.कमलेश शर्मा, उपनिदेशक (जनसंपर्क)
शौर्य और स्वाभिमान की धरा, देश-दुनिया में पूर्व का वेनिस और झीलों की नगरी के रूप में ख्यात उदयपुर आज जी-20 शेरपा बैठक की मेजबानी को लेकर उत्साहित है। विश्व की प्राचीनतम अरावली पर्वत श्रृंखला की गोद में बसे हुए हमारे उदयपुर का न सिर्फ प्रशासनिक अमला बल्कि यहां के हर आम व्यक्ति का रोम-रोम इस धरा पर आने वाले परदेसी पाँवणों के स्वागत को पुलकित है।
दुल्हन की तरह सजी लेकसिटी
इस आयोजन से जुड़े शासन-प्रशासन ने महीने भर पहले से इस आयोजन को सफल बनाने के लिए तैयारियां आरंभ कर दी थी। अब शहर का हर गली -कूंचा, सड़कें, फुटपाथ और डिवाइडर साफ-सुथरे और सजे-धजे हैं। शहर की सभी सार्वजनिक दीवारें इन अतिथियों के स्वागत अभिनंदन के लिए रंग-बिरंगे शब्द चित्रों से श्रृंगारित होकर बोलती नजर आ रही है।
कई अंतरराष्ट्रीय आयोजन का साक्षी रहा है उदयपुर
हमारे उदयपुर में अंतरराष्ट्रीय स्तर का यह पहला आयोजन नहीं है बल्कि इसी उदयपुर में पहले भी अंतरराष्ट्रीय स्तर के कई आयोजनों की मेजबानी की है वहीं अपने बेनज़ीर नैसर्गिक सौंदर्य, शिल्प-कला-संस्कृति की झलक दिखाते हुए विदेशी मेहमानों की आत्मिक आवभगत की है।
शाही शादियों के लिए पसंदीदा
हमारा उदयपुर डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए भी देश दुनिया में जाना जाता है इसी वजह से कई राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय सितारों ने अपने महत्वपूर्ण मांगलिक आयोजनों को इसी धरा पर संपादित किया है। अप्रैल 2004 में बॉलीवुड अभिनेत्री रवीना टंडन की शादी तथा दिसंबर 2018 में उद्योगपति मुकेश अंबानी की बेटी ईशा अंबानी के उदयपुर में प्रीवेडिंग समारोह हुए। उद्योग और बॉलीवुड जगत की कई शादियां उदयपुर में हो चुकी है। इसी तरह बड़े आयोजनों को देखें तो मई 2022 में तीन दिवसीय चिंतन शिविर में देशभर की राजनीतिक शख्सियतें यहां पहुंची थी। हमारा उदयपुर चिकित्सा और शिक्षा जगत की कई अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय कांफ्रेंस का गवाह रहा है तो कई बॉलीवुड मूवी की उदयपुर में शूटिंग भी हुई है।
सहज योग की भी हुई यहां पर साधना
हार्टफुलनेस संस्था के अंतराष्ट्रीय प्रमुख कमलेश भाई पटेल दाजी और ईशा फाउंडेशन के प्रमुख सद्गुरु की दरबार हॉल में लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ के साथ टॉक ने भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय जगत का ध्यान आकृष्ट किया है। यह वही उदयपुर है जहां पर प्रतिवर्ष अंतर्राष्ट्रीय संगीत सम्मेलन आयोजित होता रहा है। हाल ही में उदयपुर ने टेल्स इंटरनेशनल स्टोरी टेलिंग फेस्टिवल की मेजबानी भी की थी।
कई महत्वपूर्ण पलों का गवाह रहा है दरबार हॉल
पूर्व राजपरिवार के सदस्य लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ के अनुसार जी-20 शेरपा बैठक का केंद्र बिंदु सिटी पैलेस के फतेह प्रकाश में स्थित दरबार हॉल कई राष्ट्रीय अंतराष्ट्रीय गतिविधियों और महत्वपूर्ण पलों का गवाह रहा है। वर्ष 1909 में महाराणा सर फतेह सिंह बहादुर जी के निमंत्रण पर भारत के तत्कालीन वायसराय एवं गवर्नर जनरल लॉर्ड मिंटो का उदयपुर आगमन हुआ। 3 नवंबर 1909 को लॉर्ड मिंटो ने पिछोला झील के पूर्वी तट पर बने दरबार हॉल की आधारशिला रखी थी। वर्ष 1909 के उस ऐतिहासिक दिन के बाद की आधी शताब्दी तक दरबार हॉल में मेवाड़ राज्य के दरबार सत्र आयोजित किए गए। दरबार हॉल में शास्त्रीय संगीत के प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा प्रस्तुतियां दी गई वहीं इस हॉल में राज परिवार से जुड़े लोगों एवं प्रसिद्ध हस्तियों के लिए रिसेप्शन रखे गए।1962 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी की पत्नी जैकलीन कैनेडी का दरबार हॉल में आगमन हुआ था। इसी प्रकार दरबार हॉल में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा परमाणु विकास के सिलसिले में कई कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया।
फतहप्रकाश भी है बड़ा महत्वपूर्ण
फतेह प्रकाश कन्वेंशन सेंटर 1948 में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की उदयपुर यात्रा का गवाह बना। यहीं पर 18 अप्रैल 1948 को उदयपुर एवं मेवाड़ राज्य का संयुक्त राजस्थान में विलय हुआ तथा मेवाड़ राज्य ने भारत संघ में विलय के पत्र पर हस्ताक्षर किए। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने महाराजा भूपाल सिंह जी को राजपूताना के महाराज प्रमुख की शपथ दिलाई।
ऐतिहासिक संदर्भों के अनुसार 14 जनवरी 1949 को फतेह प्रकाश पैलेस तत्कालीन उप प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल के आगमन का साक्षी बना। यहीं पर संयुक्त राजस्थान का पुनर्गठन किया गया।