जी 20 शेरपा: राजस्थानी साफे में बंधे दुनिया के 29 देश, दरबार हॉल में विभिन्न वैश्विक मुद्दों पर हुई चर्चा

 जी 20 शेरपा: राजस्थानी साफे में बंधे दुनिया के 29 देश, दरबार हॉल में विभिन्न वैश्विक मुद्दों पर हुई चर्चा

उदयपुर 5 दिसम्बर। सोमवार को सुबह से शाम तक ताज फतेह प्रकाश पैलेस के दरबार हॉल में जी-20 शेरपा बैठक का दौर चला। प्रातः 8.30 बजे बैठक की शुरुआत करते हुए भारत के शेरपा अमिताभ कान्त ने भारत की जी-20 अध्यक्षता को लेकर अपने विचार व्यक्त किए।

इसके पश्चात वित्त मंत्रालय के आर्थिक विभाग सचिव अजय सेठ द्वारा फायनेंस ट्रेक पर ओवरव्यू प्रस्तुत किया गया। प्रातः 9 बजे से टेक्नीकल ट्रांसफॉर्मेशन पर चर्चा हुई जिसमें डिजिटल इकोनोमी, स्वास्थ्य एवं शिक्षा पर चर्चा हुई। इसके पश्चात ग्रीन डवलपमेंट एंड लाइफस्टाइल फॉर इन्वायरमेंट (लाइफ) पर सेशन हुआ जिसमें विभिन्न देशों के शेरपा ने अपने विचार व्यक्त किए। दोपहर 1.30 बजे से 3 बजे तक लंच के पश्चात पुनः चर्चा का दौर शुरू हुआ।

अंत में ‘ग्लोबल एंड रिजनल इकोनोमिक प्रोस्पेक्ट एंड चेलेंजेस’ विषय पर चर्चा हुई जिसमें आईएमएफ से लुईस ब्रेवर एवं क्रिस्टीन कॉस्टल ने प्रस्तुतीकरण दिया।

राजस्थानी साफों को पहन अभिभूत हुए शेरपा

बैठक समाप्ति के पश्चात माणक चौक में ‘एक्सपीरियंस राजस्थान एट माणक चौक’ का आयोजन हुआ जिसमें विभिन्न देशों से आए शेरपा एवं एचओडी को बैठा कर साफा बंधा गया। साफा बांधने के बाद शेरपा भी बेहद उत्साहित दिखे एवं सेल्फ़ी लेते नजर आए। इस दौरान कई शेरपा मीडिया से रूबरू भी हुए और भारत के अपने अनुभव साझा किए। भारतीय शेरपा अमिताभ कान्त ने कहा कि जी-20 के माध्यम से वैश्विक समस्याओं को दूर का प्रयास किया जाएगा।

20 किलो का साफा रहा आकर्षण का केन्द्र

माणक चौक में सभी विदेशी अतिथियों को राजस्थानी साफा बंधवाने के दौरान राजस्थानी साफे की अनूठी गौरवमयी परंपरा से पूरी दुनिया को रूबरू करवाने के उद्देश्य से बीकानेर के सिद्धहस्त साफा आर्टिस्ट पवन व्यास को बुलवाया गया था। व्यास ने विदेशी अतिथियों के सामने 478.5 मीटर और बीस किलो वजनी साफा बांधकर अपनी कला का प्रदर्शन किया तो सभी अतिथि इसे देखकर बड़े अभिभूत हुए। कई विदेशी अतिथियों ने बीस किलो वजनी साफे व कलाकार के साथ फोटो भी खिंचवाएं।

विश्व की सबसे बड़ी और सबसे छोटी पगड़ी बांधने के कई सारे वर्ल्ड रिकार्ड प्राप्त कलाकार पवन व्यास ने बताया कि उनका पूरा परिवार इसी ्रकार से साफा बांधने के कार्य से जुटा हुआ है और वे स्वयं पिछले 13 वर्षों से इस कला से जुड़े हुए हैं। इससे पहले उन्होंने 1 से 3 सेंटीमीटर की सबसे छोटी 10 अलग-अलग तरह की पगड़ी अपनी हाथों की अंगुलियों में बांध कर अपना नाम इंडिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज करवाया था।

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