झील में गंदे पानी के मिलने पर झील प्रेमियों ने जताया आक्रोश

 झील में गंदे पानी के मिलने पर झील प्रेमियों ने जताया आक्रोश

अम्बामाता मंदिर क्षेत्र में सामुदायिक भवन के पास से पिछोला के कुम्हारिया तालाब हिस्से में भारी मात्रा में गंदा पानी झील में मिल रहा है। झील प्रेमियों ने इस पर आक्रोश जताया है।

डॉ अनिल मेहता ने कहा कि स्मार्ट सिटी उदयपुर अपनी जीवनदायिनी झीलों मे मल मूत्र के मिलने व   झील के पानी के सीवर लाइन में बह व्यर्थ होने को पूरी तरह रोक नही सका है। यह आश्चर्यजनक व क्षोभकारी है।

तेज शंकर पालीवाल ने कहा कि पेयजल की झील में गंदे पानी का मिलना राजस्थान नगर पालिका अधिनियम तथा जल प्रदूषण निवारण अधिनियम के तहत दंडनीय है। झील जल को प्रदूषित करने वालों पर तुरंत कार्यवाही होना चाहिए।

नंद किशोर शर्मा ने कहा कि साबुन, शैम्पू,   डिटर्जेंट व मल मूत्र का यह गंदा पानी झील पर्यावरण व मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यन्त घातक  है।

कुशल रावल तथा द्रुपद सिंह ने कहा सीवरेज लाइनों, चैम्बर इत्यादि की नियमित साफ सफाई, संधारण व मरम्मत की व्यवस्था बनाने से ही गंदा पानी झीलों में जाना रुक सकेगा।

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