अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस पर स्कूटी वितरण
अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर शुक्रवार को वर्चुअली आयोजित राज्य स्तरीय सम्मान समारोह में उदयपुर जिले के दिव्यांगजनों को भी सम्मानित किया गया। जिला कलेक्ट्रेट स्थित एनआईसी वीसी रूम से दिव्यांगजनों को राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त जिला कलक्टर (शहर) अशोक कुमार ने सम्मान स्वरूप स्मृति चिह्न और प्रमाण पत्र सौंपे। इस अवसर पर जिले के 10 दिव्यांगजनों को स्कूटी वितरण भी किया गया।
अतिरिक्त जिला कलक्टर (शहर) अशोक कुमार ने कलेक्ट्रेट परिसर में स्कूटी की चाबी सौंपते हुए दिव्यांगजनों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की और शुभकामनाएं दी। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक मान्धाता सिंह राणावत ने बताया कि मुख्यमंत्री महोदय की बजट घोषणा के तहत कॉलेज जाने वाले दिव्यांग छात्र-छात्राओं व रोजगार के लिए अपने कार्यस्थल पर जाने के लिए स्कूटी मय हेलमेट वितरण किया गया। स्कूटी पाकर दिव्यांगजनों के सपनों को मानो, नए पंख मिल गए। दिव्यांगजनों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व सामाजिक कल्याण व अधिकारिता विभाग का आभार प्रकट किया।
अब नहीं लगवाना पड़ेगा धक्का
स्कूटी पाकर खुशी का इजहार करते कोटड़ा तहसील के रणेशजी निवासी नेताराम गरासिया ने बताया कि मैं वर्तमान में एमएलएसयू से बीएससी बीएड फाइनल ईयर में पढ़ रहा हूं। पहले मेरे पास ट्राई साइकिल थी। कॉलेज आने-जाने में बड़ी परेशानी होती थी। छोटा भाई ट्राई साइकिल को धक्का देकर ले जाता था। जिस दिन छोटा भाई नहीं होता, तो कॉलेज नहीं जा पाता था। अब स्कूटी मिलने से उसे किसी को धक्का नहीं देना पड़ेगा, बल्कि स्कूटी की सहायता से वो कहीं भी जा सकता है। नेताराम ने बताया कि वह शिक्षक बनना चाहता है।
नहीं छूटेगी कोई क्लास
बीए अंतिम वर्ष के विद्यार्थी कोटड़ा तहसील के रामलाल गमार के लिए अब कॉलेज की राह आसान हो जाएगी। रामलाल ने बताया कि वह आरएएस बनना चाहता है। बस में आने-जाने में धक्के लगते थे, कई बार गिर भी जाता था। बस में भीड़ होेने पर कई बार चढ़ नहीं पाता था। इस वजह से कक्षा में समय पर नहीं पहुंच पाता था। कई बार कॉलेज ही नहीं पहुंच पाता था। रामलाल ने बताया कि स्कूटी मिलने से अब उसकी कोई क्लास नहीं छूटेगी।