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पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान की शुरुआत

 पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान की शुरुआत

पहले दिन बूथ पर व अगले 2 दिन घर घर जाकर पिलाई जाएगी पोलियो की खुराक

बच्चों को पोलियो की बीमारी से बचाने हेतु 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों का पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान की शुरुआत 27 फरवरी से की जा रही हैl

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर दिनेश खराड़ी ने बताया कि बच्चों को पोलियो मुक्त रखने की दिशा में पोलियो मुक्त भारत अभियान के तहत पल्स पोलियो टीकाकरण कार्येक्रम 27 फरवरी से जिला कलेक्टर श्री ताराचंद मीणा के निर्देशन में शुरू किया जा रहा है। अभियान के सुचारू रूप से संचालन हेतु माइक्रोप्लान बना तैयारियां कर ली गई है।

फील्ड स्तर पर भी चिकित्सा अधिकारियों द्वारा ऐएनएम, आशा एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओ की बैठक कर कार्ययोजना बना दिशानिर्देश दिए गए है।

अभियान के अंतर्गत रविवार को पहले दिन प्लान के अनुसार निर्धारित पोलियो बूथ पर एवं अगले दो दिन यानी 28 फरवरी व 1 मार्च को घर-घर जाकर 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई जाएगी। कार्येक्रम के सफल संचालन एवं मोनिटरिंग हेतु जिला स्तरीय अधिकारियों की टीम भी गठित की गई है जो अभियान के दौरान फील्ड विजिट कर निरीक्षण करेगी।

आरसीएचओ डॉ अशोक आदित्य ने बताया कि पल्स पोलियो अभियान के लिए जिले में कुल 2275 बूथ तैयार किए गए हैं जिसमें 1173 बूथ 2 सदस्यी एवं 1102 बूथ 4 सदस्यी होंगे जो बूथ पर आए बच्चों को दवा पिलाने का कार्ये करेंगे। 28 फरवरी व 1 मार्च को हाउस टू हाउस टीम द्वारा घर-घर जाकर सर्वे किया जाएगा कि उनके यहां मौजूद 0 से 5 वर्ष तक के सभी बच्चों को दवा पिला दी गई है या नही। अगर कोई बच्चा वंचित रह गया हो तो सर्वे टीम द्वारा उसे वहीं पर दवा पिलाई जाएगी। इस कार्य हेतु जिले में 6746 हाउस टू हाउस टीमें तैयार की गई है जो इस कार्ये को अंजाम देंगी।

कोई भी बच्चा यात्रा के कारण दवा पीने से वंचित ना रहे इसके लिए जिले में 98 ट्रांजिट टीमें भी तैयार की गई है जो रेलवे स्टेशन बस स्टैंड इत्यादि जगहों पर मौजूद बच्चों को दवा पिलाने का कार्य करेगी।

झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले, ईट भट्टों पर काम करने वाले मजदूरों के बच्चे एवं जिनका हेल्थ केयर फैसिलिटी पर पहुंचना संभव नहीं है को दवा पिलाने हेतु जिले में 79 मोबाइल टीमें तैयार की गई है जो उनको यथा स्थान पर जाकर पोलियो की दवा पिलाएंगे।

27 फरवरी से संचालित होने वाले इस अभियान हेतु कुल 506257 बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने का लक्ष्य रखा गया है एवं इस संपूर्ण अभियान की प्रभावी मॉनिटरिंग हेतु फील्ड स्तर पर 366 सुपरवाइजर भी नियुक्त किए गए हैं।

जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि अपने बच्चो को पोलियो से बचाव के लिए हर बार बूथ पर ले जाकर पोलियो की दवा अवश्य पिलाए। हमारी थोड़ी सी लापरवाही बच्चे के पूरे जीवन के लिए घातक हो सकती है।

डब्ल्एचओ के सर्विलांस मेडिकल ऑफिसर डॉ अक्षय व्यास के अनुसार भारत में पोलियो का अंतिम केस 13 जनवरी 2011 को पश्चिमबंगाल में पाया गया था उसके बाद से भारत में कही कोई केस नही पाया गया है। पिछले कुछ वर्षों में विश्व के अन्य देशो में पोलियो मामलों की बात करे तो वर्ष 2020 में पाकिस्तान में 84 केस एवं अफगानिस्तान में 56 केस रिपोर्ट हुए थे। वर्ष 2021 मे अफगानिस्तान में 4 पाकिस्तान में 1 व मालावी में 1 केस रिपोर्ट हुआ था। वही वर्ष 2022 में अभी तक 1 केस रिपोर्ट हुआ है जो अफगानिस्तान का है।

गौरतलब है की वर्ष 2011 में पोलियो का अंतिम केस मिलने के बाद 2014 में भारत को पोलियो मुक्त देश घोषित कर दिया गया। भारत मे फिलहाल पोलियो का कोई भी केस रिपोर्टेड नही है।

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