पेसिफिक यूनिवर्सिटी और एम.एस.एम.ई. विभाग के बीच एम.ओ.यू

 पेसिफिक यूनिवर्सिटी और एम.एस.एम.ई. विभाग के बीच एम.ओ.यू

पेसिफिक विश्वविद्यालय तथा माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज विभाग भारत सरकार के बीच मेमोरेंडम आॅफ अंडरस्टैंडिंग पर हस्ताक्षर किए गए।

पेसिफिक विश्वविद्यालय की ओर से प्रेसिडेंट के. के. दवे तथा सुक्ष्म, लघु, मध्यम मंत्रालय के अधीन विस्तार केन्द्र उदयपुर पी.पी.डी.सी. आगरा की ओर से डिप्टी डायरेक्टर एवं हेड उदयपुर ब्रांच प्रवीण आर जोषी ने हस्ताक्षर किए।

इस एमओयू के तहत पेसिफिक विश्वविद्यालय में कार्यरत पेसिफिक एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट सेल के माध्यम से न सिर्फ पेसिफिक में अध्ययन कर रहे विद्यार्थियों अपितु पूरे उदयपुर संभाग के विद्यार्थियों को विभिन्न स्टार्टअप खोलने के लिए प्रोत्साहन तथा समुचित मार्गदर्शन दिया जाएगा।

डीन पीजी स्टडीज प्रो. हेमन्त कोठारी ने बताया कि पेसिफिक का यह सेल शीघ्र ही अटल इनक्यूबेशन सेंटर में भी पंजीकृत हो जाएगा जिससे विद्यार्थियों को वित्तीय सहायता एवं अनुदान मिलना भी सुलभ होगा। इस अवसर पर एमएसएमई के प्रवीण जोशी ने विद्यार्थियों को नया उपक्रम आरंभ करने के विभिन्न आइडिया दिए।

उन्होंने फाइनेंस एंड टेक्नोलॉजी, एजुकेशन टेक्नोलॉजी, आउटसोर्सिंग, मीडिया, होटल मैनेजमेंट, डिजिटल मार्केटिंग, ई-कॉमर्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से संबंधित विभिन्न क्षेत्रों में व्यवसाय की नवीन संभावनाएं बताई। प्रो. दवे ने आत्म निर्भर भारत तथा मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट अभियान के तहत मिलने वाली विभिन्न राजकीय सुविधाओं के बारे में भी बताया। उन्होंने विद्यार्थियों से नवीन उपक्रम स्थापित करने का आह्वान किया जिससे कि वे न सिर्फ स्वयं रोजगार में लगेंगे अपितु अपने अन्य साथियों को भी रोजगार मुहैया करवा सकेंगे।

डॉ. रितेश अग्रवाल ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए कॉपीराइट तथा पेटेंट से संबंधित विभिन्न व्यावसायिक पहलुओं पर भी चर्चा की तथा इस संदर्भ में पेसिफिक यूनिवर्सिटी द्वारा प्रदान की जा रही विस्तृत सुविधाओं की जानकारी दी। प्रिंसिपल डॉ. अनुराग मेहता ने स्टार्टअप आरंभ करने के लिए महत्वपूर्ण टिप्स दिए। उन्होंने बताया कि कैलकुलेटेड रिस्क लेते हुए नवाचार के साथ प्रतिस्पर्धा को ध्यान में रखते हुए यदि व्यापार आरंभ किया जाए तो सफलता की दर काफी बढ़ जाती है।

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