नेचर इंटेलिजेंस से ही एआई बनेगी पर्यावरण अनुकूल: कोमल कोठारी
उदयपुर 25 सितंबर, यूसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष , उद्योगपति कोमल कोठारी ने कहा कि प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता, सेवा भाव,नागरिक दायित्व अर्थात नेचर इंटेलिजेंस से ही एआई अर्थात आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर्यावरण अनुकूल बन सकेगी।
कोठारी बुधवार को विद्या भवन पॉलिटेक्निक सभागार में एआई तथा पर्यावरण विषयक सेमिनार में बोल रहे थे।
कोठारी ने कहा कि देश विकास के लिए औद्योगिक उत्पादन में निरंतर अभिवृद्धि हो रही है। इसके लिए वृहत पैमाने पर ऑटोमेशन तथा एआई जैसी तकनीकों का प्रयोग हो रहा है। लेकिन , यह जरूरी है कि इन समस्त तकनीकों से पानी, मिट्टी, हवा तथा जन स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव नहीं हो तथा मानवीय रिश्तों में जीवंतता बनी रहे। उद्योग जगत सर्कुलर इकोनॉमी पर ध्यान देते हुए ऊर्जा खपत तथा अपशिष्ट निकासी को न्यूनतम करने पर कार्य कर रहा है।
कार्यक्रम का अयोजन पॉलिटेक्निक पूर्व विद्यार्थी संस्था, सक्षम संस्थान, पर्यावरण संरक्षण गतिविधि इको क्लब तथा आई ई आई व आई एस टी ई स्टूडेंट चैप्टर्स की ओर से किया गया।
अभियंता दिवस समारोह की श्रंखला में आयोजित इस संगोष्ठी के मुख्य अतिथि, केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता एस एल जैन ने कहा कि आम लोगों के जीवन को अच्छा बनाने में ही एक अच्छे इंजीनियर की संतुष्टि व प्रगति है। जैन ने कहा कि प्रकृति के प्रति एक गहरी जिम्मेदारी के भाव से तकनीकीविदों को समस्त परियोजनाओं को क्रियान्वित करना चाहिए ।
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वच्छ वायु गुणवता कार्यक्रम, पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार के स्थानीय समन्वयक नवीन व्यास ने कहा कि विशिष्ट प्रयासों से उदयपुर में पीएम एम 5 तथा पी एम 10 की मात्रा में कमी आई है जिसे केंद्र सरकार ने सराहते हुए उदयपुर को पुरुष्कार प्रदान किया है। वायु गुण वत्ता और अधिक अच्छी हो, इसके लिए शहर में साइकिल प्रयोग तथा वेहिकल पूल को बढ़ाते हुए पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग बढ़े । इसके लिए नागरिक व निगम, दोनो स्तर पर व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं।
संगोष्ठी में प्राचार्य डॉ अनिल मेहता , पूर्व विद्यार्थी संस्था के उपाध्यक्ष जय प्रकाश श्रीमाली, सचिव भुवन आमेटा , विद्यार्थी सुमेधा गुप्ता, आदित्य सिंह संचित जैन ने भी विचार व्यक्त किए । संयोजन नैंसी तथा भव्या ने किया ।