प्राकृतिक औषधियों से मलेरिया का उपचार संभव ,जल्द ही उपलब्ध होगा टीका: डॉ.सहल

 प्राकृतिक औषधियों से मलेरिया का उपचार संभव ,जल्द ही उपलब्ध होगा टीका: डॉ.सहल

उदयपुर स्थित पेसिफिक विश्वविद्यालय के विज्ञान एवं फार्मेसी संकाय के संयुक्त तत्वावधान में बुधवार दिनांक 16 नवंबर 2022 को स्वर्गीय प्रो. एच. सी. आर्य एंडोमेंट व्याख्यान का आयोजन किया गया।

दिल्ली स्थित इंटरनेशनल सेंटर फॉर जेनेटिक इंजीनियरिंग एंड बायोटेक्नोलॉजी में मलेरिया समूह के प्रमुख डॉ. दिनकर सहल ने चर्चा के दौरान बताया कि भारत में मलेरिया की रोकथाम और निदान के लिए विभिन्न प्रकार के प्राकृतिक स्त्रोतों से नई नई दवाइयों की खोज जारी है।

उन्होंने प्रश्नोत्तर अंदाज में छात्रों को सम्बोधित करते हुए बताया कि किस प्रकार से स्वास्थ्य एवं रोगो को समझने और उनसे निजात पाने में अनुसंधान प्रणाली विकसित की जाती है। मुख्य अतिथि प्रो. ए .पी. गुप्ता (प्रेसिडेंट, पेसिफिक मेडिकल कॉलेज) ने अपने उद्बोधन में बताया कि मलेरिया भारत जैसे देशो के लिए आज भी गंभीर समस्या है और इसके रोकथाम एवं निदान के लिए डॉक्टर सहल और उनके समूह द्वारा किये जा रहे प्रयास सराहनीय है

व्याख्यान माला के संयोजक प्रो. एस. डी. पुरोहित (पूर्व अधिष्ठाता विज्ञान संकाय डस्ैन्) ने बताया कि प्रो. आर्य के कृतित्व एवं व्यंितव को प्रचारित करने एवं उनके द्वारा जैवप्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान को नयी पीढ़ी के छात्रों तक पहुंचाने के उद्देश्य से इस व्याख्यान माला की स्थापना की गयी है।

छात्रों को सम्बोधित करते हुए प्रो. हेमन्त कोठारी (डीन पी. जी. स्टडीज, पेसिफिक विश्वविद्यालय) ने बताया कि इस प्रकार के व्याख्यानों के आयोजनों से छात्रों में विज्ञान के प्रति अभिरुचि का विकास होता है। प्रों. बी. पी. शर्मा (पूर्व वाइस चांसलर, गौतम बुद्व युनिवर्सिटी, नोयड़ा) जैव प्रौद्यौगिकी के नकारात्मक प्रभावों को इंगित करते हुए इस क्षेत्र के विभिन्न आयामों पर चर्चा की।

प्रों. के. के. दवे (प्रेसिंडेट, पेसिफिक विश्वविद्यालय) ने अपने उद्बोधन में बताया कि वर्तमान में सूक्ष्मजीवों के द्वारा होने वाली विभिन्न बीमारियों एवं उनके निदान में पादपों की अहम भूमिका होती है। कार्यक्रम में प्रो. के.के. दवे, प्रो. रामेश्वर आमेटा एवं श्री दीपक व्यास उपस्थित रहे।

डॉ. जयेश द्विवेदी ने स्वागत उद्बोधन दिया । कार्यक्रम का संचालन डॉ. शिखा वर्मा द्वारा किया गया तथा अंत में डॉ.राखी मेहता द्वारा मुख्य वक्ता और सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

Related post