सेवा अभिव्यक्ति नहीं अनुभूति है : ललित प्रभ

 सेवा अभिव्यक्ति नहीं अनुभूति है : ललित प्रभ

उदयपुर. राष्ट्र संत ललितप्रभ सागर महाराज ने कहा कि जीवन का मकसद दूसरों की सेवा करना होना चाहिए, यही मानव धर्म है। वे गुरुवार को नारायण सेवा संस्थान के सेक्टर 4 स्थित मानव मंदिर में नि:शुल्क

पोलियो सर्जरी के लिए देश के विभिन्न राज्यों से आए दिव्यांगों को संबंधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जिसमें हौसला वह विकलांगता परास्त कर आकाश की ऊंचाई को भी छू सकता है।

नारायण सेवा संस्थान के सेवा प्रकल्पों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा सेवा अभिव्यक्ति नहीं अनुभूति है. संस्थान दिव्यांगों के लिए ऐसा वरदान है। जहां घिसटती ज़िंदगी संवार कर राष्ट्र निर्माण में योगदान सुनिश्चित करती है।

आरंभ में संस्थान संस्थापक कैलाश मानव ने स्वागत करते हुए संस्थान की 38 वर्षीय सेवाओं की जानकारी दी। अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने महाराज से दिव्यांगों की मुलाकात करते हुए उनके जीवन संघर्ष से रूबरू करवाया

और संस्थान द्वारा उनके समग्र पुनर्वास के प्रयत्नों की जानकारी महाराजश्री का अभिनंदन भी किया। इस अवसर पर सहसंस्थापिका कमला देवी, निदेशक वंदना अग्रवाल व बड़ी संख्या में क्षेत्रवासी और दिव्यांग जन उपस्थित थे।

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