शहर के पर्यटन स्थलों पर गवरी नृत्य शुरू
सहेलियों की बाड़ी में अमरपुरा गांव की गवरी का हुआ मंचन
माणिक्यलाल वर्मा आदिम जाति शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान उदयपुर द्वारा मेवाड़ के प्रसिद्ध नृत्य-नाट्य की प्रस्तुतियां शहर के विभिन्न पर्यटन स्थलों पर सोमवार से शुरू हुई। सोमवार को सहेलियों की बाड़ी में अमरपुरा गांव की गवरी का मंचन हुआ।
संस्थान के निदेशक एम.एल.चौहान ने बताया कि जनजाति कला एवं संस्कृति के संरक्षण के उद्देश्य से संस्थान द्वारा प्रतिवर्ष अलग-अलग गांवों की गवरी का आयोजन करवाया जाता है।
संस्थान में उपनिदेशक महेशचन्द्र जोशी ने बताया कि सोमवार को सहेलियों की बाड़ी में अमरपुरा टीडी के कलाकारों ने गणपति वंदना के साथ गवरी नृत्य का शुभारंभ किया और इसके बाद कलाकारों द्वारा कान-गुजरी, बादशाह की फौज, भियावाड़ गोमा-मीणा, कालू कीर, लाखा बंजारा आदि मनमोहक पात्रों का मंचन किया।
उन्होंने बताया कि 13 सितंबर को सहेलियों की बाड़ी में झाड़ोल के ढूंड़किया गांव की गवरी का आयोजन होगा और 14 व 15 सितंबर को भारतीय लोककला मण्डल में गवरी नृत्य का आयोजन होगा।