बम्बईया बाजार की दुकानों की होगी नम्बरिंग, स्वच्छता बनाए रखने की रहेगी जिम्मेदारी
विश्व प्रसिद्ध फतहसागर झील और पाल की स्वच्छता को लेकर प्रशासन गंभीर है। संभागीय आयुक्त राजेंद्र भट्ट और जिला कलक्टर अरविन्द कुमार पोसवाल ने शुक्रवार सुबह यूआईटी और नगर निगम की टीम के साथ फतहसागर पाल का पैदल दौरा कर स्थितियों का जायजा लिया।
सैलानियों और आमजन से संवाद किया। साथ ही उनकी सुविधा के लिए आवश्यक व्यवस्थाओं को लेकर संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए। संभागीय आयुक्त भट्ट एवं जिला कलक्टर पोसवाल शुक्रवार सुबह काला किवाड़ के पास पहुंचे।
वहां से युआईटी सचिव राजेश जोशी, नगर निगम आयुक्त वासुदेव मालावत, युआईटी के अतिरिक्त मुख्य अभियंता संजीव शर्मा सहित टीम के साथ पैदल-पैदल फतहसागर की पाल का जायजा लेने रवाना हुए।
उन्होंने निगम की ओर से झील में से काई निकालने के काम का निरीक्षण करते हुए जरूरी दिशा-निर्देश दिए। पाल पर प्रतिदिन सैकड़ों सैलानियों और शहरवासियों के पहुंचने तथा विशेषकर वीकेण्ड पर अधिक रेलमपेल रहने के मद्देनजर सफाई के लिए अति व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने, निर्धारित दूरी पर डस्टबिन लगवाने के निर्देश दिए। दोनों अधिकारियों ने बम्बईया बाजार में स्थित दुकानों का भी जायजा लिया तथा नगर निगम को उक्त दुकानों की नम्बरिंग कराने और स्वच्छता की जिम्मेदारी तय करने के भी आदेश दिए। दोनों अधिकारियों ने बम्बईया बाजार में स्थित फास्ट फूड की दुकान के किचन में पहुंच कर भी निरीक्षण किया। वहां उन्होंने फायर फाइटिंग सिस्टम को लेकर भी सवाल-जवाब किए।
दुकान संचालक ने फायर फाइटिंग सिस्टम उपलब्ध होना बताया। निरीक्षण के दौरान दोनों अधिकारियों ने कहा कि फतेहसागर झील उदयपुर को प्रकृति का दिया और अमूल्य तोहफा है। उसकी स्वच्छता से कोई समझौता नहीं होना चाहिए।
फतहसागर की पाल पर पूरे देश और विदेशों से लोग आते हैं। झील के किनारे गंदगी होने से उदयपुर की छवि खराब होती है। उन्होंने पूरी पाल पर माकूल सफाई बंदोबस्त रखने और इसके लिए नियमानुसार सभी आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। दोनों अधिकारी फतहसागर की मुख्य पाल पर पहुंचे। वहां उन्होंने ओवरफ्लो नाले के समीप पानी रिसाव की शिकायत पर स्थिति का अवलोकन कर नगर निगम व युआईटी को तत्काल समाधान के निर्देश दिए।
पाल पर भ्रमण कर रहे लोगों से संवाद किया। इस दौरान आमजन ने पाल पर प्रसाधन सुविधाएं आवश्यकता अनुरूप नहीं होना बताया। इस पर संभागीय आयुक्त व कलक्टर ने दोनों एजेंसी को त्वरित कार्रवाई करते हुए पाल के दोनों छोर पर महिलाओं-पुरूषों के लिए पृथक-पृथक प्रसाधन सुविधाएं उपलब्ध कराने और उनकी नियमित साफ सफाई व रखरखाव सुनिश्चित करने के लिए पाबंद किया। उन्होंने कहा कि प्रति शुक्रवार को पाल का निरीक्षण किया जाएगा, ताकि व्यवस्था चाकचौबंद रहें।
संभागीय आयुक्त व कलक्टर ने टाया पैलेस के सामने तलहटी में बंद पड़े फव्वारे का अवलोकन करते हुए उस स्थल पर एक्टिविटी जोन विकसित करने के निर्देश युआईटी को दिए। उन्होंने कहा कि पाल पर प्रतिदिन और खास कर वीकेण्ड पर विभिन्न आयोजन होते हैं, युवा कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं। एक्टिविटी जोन उन कलाकारों के लिए उचित स्थल सिद्ध होगा। साथ ही उन्होंने एक्टिविटी जोन विकसित करने में झील संरक्षण प्राधिकरण और एनजीटी के आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करने की भी हिदायत दी। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई काम नहीं हो, जो आदेशों की अवहेलना की श्रेणी में आए