विश्व पर्यावरण दिवस:विशेषज्ञों ने पर्यावरण संरक्षण के लिए प्लास्टिक का उपयोग न करने के लिए किया प्रेरित
उदयपुर, 5 जून। वन मण्डल उदयपुर तथा ग्रीन पीपल सोसायटी, उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार को माछला मगरा वनखण्ड स्थित लव-कुश वाटिका में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संभागीय मुख्य वन संरक्षक आर.के. िंसह ने की।
मुख्य वन संरक्षक आर.के. खैरवा, वन संरक्षक आर.के.जैन, सेवानिवृत सीसीएफ एवं ग्रीन पीपल सोसायटी अध्यक्ष राहुल भटनागर, डीएफओ मुकेश सैनी व सुपांग शशि, सेवानिवृत वन अधिकारी सुहैल मजबूर, प्रताप सिंह चुण्डावत, पर्यावरणविद डॉ. सतीश शर्मा, गाइड सीओ विजयलक्ष्मी सहित स्काउट के लगभग 150 बच्चे तथा शहर के पर्यावरणप्रेमी शामिल हुए।
संभागीय मुख्य वन संरक्षक आर.के. सिंह ने प्लास्टिक कचरे के निस्तारण के साथ प्लास्टिक प्रदूषण रोकने पर जोर दिया। आर.के.जैन ने पर्यावरण संरक्षण के लिए प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने व इस बारे में घर व आस पास के लोगों को जागरुक करने का आह्वान किया।
पर्यावरणविद् डॉ. सतीश शर्मा कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए पर्यावरण संरक्षण, वन एवं वन्यजीवों की महत्वता पर प्रकाश डाला। बच्चों को ट्रेकिंग के दौरान उपयोगी जानकारी दी गई। ट्रेकिंग के बाद रामपोल पर ट्रेजर हन्ट प्रतियोगिता का आयोजन हुआ जिसमें संयुक्त रुप से दिशा पोडिया व हिया साहू प्रथम स्थान तथा सजल गहलोत, गोरल, मयंक एवं निशा राठौड़ संयुक्त रुप से द्वितीय स्थान पर रहे। सभी विजेताओं को पुरुस्कृत किया गया।
डॉ. शर्मा ने प्लास्टिक प्रदूषण के खतरे, कारण तथा बचाव के उपायों पर प्रकाश डाला तथा दैनिक जीवन में प्लास्टिक कैरी बैग की जगह कपड़े का थैला उपयोग करने पर जोर दिया। उन्होंने यह भी बताया कि प्लास्टिक के अलावा अन्य सभी को बैक्टीरिया तथा फंगस सडा कर विघटित कर देते है। प्लास्टिक सूर्य के तेज प्रकाश से काफी समय बाद छोटे टुकड़ो में विभक्त हो जाता है परन्तु प्लास्टिक 2000 वर्ष तक भी मौजूद रहता है तथा इसे बैक्टीरिया तथा फंगस भी नष्ट करने में सक्षम नहीं है।
उप वन संरक्षक मुकेश सैनी ने सभी को मुख्यमंत्री बजट घोषणा के तहत विकसित लवकुश वाटिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि यह वाटिका शहर के बीच स्थित है। इसमें आमजन को घूमने हेतु विभिन्न ट्रेक बनाये गये है। जिसमें पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए सीमेंट का उपयोग नहीं किया गया है। इस वाटिका में जल एवं मृदा संरक्षण के तहत चैकडेम, बांस के थूरे इत्यादि कार्य कराया गया है।
ईको टूरिज्म के तहत झोपे, लक्ष्मण झूला, हर्बल गार्डन, केक्टस गाडन इत्यादि का निर्माण कराया गया है। उन्होंने आमजन से इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस की थीम बीट प्लास्टिक पोल्यूशन का संदेश देते हुए पर्यावरण संरक्षण हेतु इसके अन्य विकल्पों को उपयोग में लेने का आह्वान किया। ग्रीन पीपल सोसायटी के अध्यक्ष राहुल भटनागर प्लास्टिक व ई-कचरे से पर्यवरण को हो रहे नुकसान के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि आज के समय में सबसे ज्यादा प्लास्टिक का उपयोग सब्जी-सामान लाने में कैरी बैग्स के रुप में होता है।
उन्होंने प्लास्टिक कैरी बैग्स की जगह कपडे का थैला उपयोग में लेने तथा ऊर्जा के लिये ज्यादा से ज्यादा सोलर लगाने का संदेश दिया। उन्होंने बताया कि जो भी हम प्लास्टिक का उपयोग कर रहे है उसे हम घर से बाहर तो डाल देते है वह अंततः समुद्र में जाता है जिसे जलीय जंतुओं द्वारा खाने से उनकी मृत्यु हो जाती है। डॉ. ललित जोशी ने भी अपने विचार रखे। अंत में उप वन संरक्षक सुशील कुमार सैनी ने आभार जताया।