जिंक के ऊंची उड़ान के पूर्व छात्रों ने साझा किये सफलता के अनुभव

 जिंक के ऊंची उड़ान के पूर्व छात्रों ने साझा किये सफलता के अनुभव

एल्यूमिनी मीट में हिन्दुस्तान जिं़क के उच्च अधिकारियों ने किया प्रोत्साहित

जीवन में जो व्यक्ति सपने देखता हैं, कड़ी मेहनत और लगन से उन्हें पूरा किया जा सकता हैं, इस बात के एक दो नही 80 से अधिक उदाहरण हिन्दुस्तान जिं़क द्वारा संचालित ऊंची उड़ान कार्यक्रम के पूर्व छात्रों के रूप में देखने को मिलें, मौका था एल्यूमिनी मीट का जिसमें हिन्दुस्तान जिं़क के उच्च अधिकारियों ने भी विद्यार्थियों से अपने अनुभव साझा कर उन्हें सफलता की ऊंची उड़ान के लिए प्रोत्साहित किया।

विद्याभवन में आयोजित ऊंची उड़ान एल्युमिनी मीट में पिछले पाँच बैच के 80 से अधिक छात्र सम्मिलित हुए जो आज देश के जाने माने शिक्षण संस्थाओं में अध्ययनरत है और इनमें से कुछ को प्लेसमेंट मिल चुका है। इन्ही में से एक है आगुचा भीलवाड़ा के रहने वाले मोहित जिन्होंने शुरू से ही संघर्षरत जीवन और परिस्थितियों का सामना किया। मोहित के हौंसलें तो बुलंद थे लेकिन आर्थिक कमजोरी के कारण दिशा स्पष्ट नही थी। मोहित की जिंदगी में तब बदलाव आया जब वह ऊंची उड़ान कार्यक्रम का हिस्सा बना। आज वह एमबीएम जोधपुर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के अपने अंतिम सेमेस्टर में हैं साथ ही उन्होने जेएसडब्ल्यू एनर्जी कंपनी में प्लेसमेंट हासिल कर लिया है। बहुत खुश होकर, उन्होंने हिन्दुस्तान जिं़क के ऊंची उड़ान कार्यक्रम का आभार व्यक्त किया, जिसने न केवल उनके भविष्य बल्कि उनके व्यक्तित्व को भी आकार दे कर उनके सपनों को साकार कर दिया।

धैर्य और दृढ़ संकल्प की ऐसी ही बानगी हिंदुस्तान जिंक के वरिष्ठ प्रबंधन के साथ इंटरैक्टिव सत्र के दौरान सामने आई, जब हेमलता कुँवर देवड़ा ने अपनी प्रेरक यात्रा साझा की। देबारी के सुदूर गांव नोहरा की बैच 3 की छात्रा हेमलता ने अपने करियर के लक्ष्य में आई सभी बाधाओं को पार किया। अपने गांव में पहली इंजीनियर बनने से लेकर घर से हजारों किलोमीटर दूर हिमाचल प्रदेश के एनआईटी हमीरपुर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने तक, हेमलता गांव की दूसरी बालिकाओं के लिये प्रेरणा की किरण बनकर खड़ी हैं। चुनौतियों पर काबू पाने और महत्वपूर्ण मील के पत्थर हासिल करने की उनकी यात्रा, ऊंची उड़ान कार्यक्र्रम की सफलता का प्रमाण है।

पूर्व छात्रों के इस कार्यक्रम में ऊंची उड़ान के छात्रों को अविश्वसनीय उपलब्धियों से जोड़ने और उन्हें याद दिलाने का मंच प्रदान किया। कार्यक्रम में हिन्दुस्तान जिं़क के सीएचआरओ मुनीश वासुदेवा, मुख्य वाणिज्यिक अधिकारी दुराईराज एवं हेड सीएसआर अनुपम निधि सहित अन्य अतिथियों ने कार्यक्रम में भाग लिया।

हिंदुस्तान जिंक के सीएचआरओ, मुनीश वासुदेवा ने कार्यक्रम के दौरान व्यावहारिक बातें साझा कीं, जिसमें उन्होंने अपने मन की आवाज पर विश्वास करने और नए अवसरों की खोज पर ध्यान केंद्रित करने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने समावेशी विकास में योगदान देने के कार्यक्रम के मिशन पर प्रकाश डाला और पूर्व छात्रों से अपने आसपास के छात्रों के उत्थान के लिए सहयोग का आग्रह किया। उन्होंने छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा, कि जुनून को जीवित रखें, अपनी कमजोरियों पर मेहनत करें और प्रत्येक बाधा को ताकत में बदलें।

ऊंची उड़ान के पूर्व छात्रों की सफलता दृढ़ संकल्प, प्रतिकूल आर्थिक और सामाजिक पृष्ठभूमि के बावजूद उदाहरण प्रस्तुत करती है। भारत के सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों, आईआईटी और एनआईटी में स्थान हासिल करने वाले छात्रों की उपलब्धियाँ दृढ़ता, समर्पण और प्रतिबद्धता की शक्ति को दर्शाती हैं।

आईआईटी और अन्य प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेजों में शामिल होने के इच्छुक ग्रामीण और आदिवासी छात्रों के लिए शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने के साथ शुरू की गई ऊंची उड़ान कार्यक्रम ने शिक्षा परिदृश्य पर एक अमिट छाप छोड़ी है। उदयपुर में संचालित यह कार्यक्रम शिक्षा संबल फाउंडेशन के माध्यम से साधारण पृष्ठभूमि के प्रतिभाशाली छात्रों का चयन करता है, मुफ्त कोचिंग प्रदान करता है और उनके सर्वांगीण विकास को तराशता है। तकनीकी भागीदार रेजोनेंस एडुवेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निर्देशित ऊँची उड़ान छात्रों को आईआईटी प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल प्रदान करता है। इस पहल से राजस्थान के आगुचा, चंदेरिया, दरीबा, देबारी, कायड़, उदयपुर और उत्तराखंड के पंतनगर के 262 छात्र लाभान्वित हो चुके हैं। ऊंची उड़ान कार्यक्रम छात्रों के लिए उज्जवल और अधिक समावेशी भविष्य का मार्ग प्रशस्त कर रही है।

Related post