नई हिल पॉलिसी के लिए यूडीए ले रहा जनप्रतिनिधियों के सुझाव
अरावली पहाड़ियों को बचाने के लिए हाइकोर्ट के निर्देश पर तैयार की जा रही नई हिल पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार करने में उदयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से जन प्रतिनिधियों से भी सुझाव लिए जा रहे हैं।
इसी क्रम में सोमवार को यूडीए अधिकारियों के साथ शहर विधायक ताराचंद जैन ने बड़गांव स्थित रामगिरी पहाड़ी पर पिछले कुछ सालों में किए गए पौधारोपण का अवलोकन किया। उसके बाद यूडीए सभागार में अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में जैन ने अपने सुझाव दिये। यूडीए अध्यक्ष सम्भागीय आयुक्त राजेंद्र भट्ट ने सुझावों को प्रमुखता से नई पॉलिसी ड्राफ्ट में शामिल करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए।
विधायक जैन यूडीए अध्यक्ष सम्भागीय आयुक्त राजेंद्र भट्ट, यूडीए सचिव राजेश जोशी, अतिरिक्त मुख्य अभियंता संजीव शर्मा, भूमि अवाप्ति अधिकारी मनसुख डामोर, तकनीकी सलाहकार बीएल कोठारी सहित अन्य अधिकारियों के साथ रामगिरी पहाड़ी पहुंचे। यहां 25 हेक्टेयर भूमि पर पिछले चार-पांच साल में यूआईटी की ओर से करीब 8 से 9 हजार पौधे लगाकर किए गए विकास कार्यों का अवलोकन किया।
यूडीए अध्यक्ष भट्ट ने विधायक को अवगत कराया कि इस पहाड़ी को शहर के लिए ऑक्सीजन पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है। शहर के चारों कोनों में पहाड़ियों पर इस तरह के ऑक्सीजन पार्क विकसित करने की योजना है। पहाड़ी क्षेत्र को अतिक्रमण व अन्य गतिविधियों से बचाए रखने तथा पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से नई हिल पॉलिसी में भी इस तरह के ऑक्सीजन पार्क विकसित किए जाने का प्रस्ताव सम्मिलित किया जा रहा है। बाद में यूडीए सभागार में आयोजित बैठक में विधायक जैन ने इस पहल की प्रशंसा की और नए ऑक्सीजन पार्क के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने का सुझाव दिया। साथ ही विधायक ने कहा कि उदयपुर शहर की झीलों को पर्यटन की लाइफलाइन कहा जाता है। लेकिन यदि पहाड़ियां नहीं बचेंगी तो झीलों का कैचमेंट एरिया नष्ट हो जाएगा जिससे झीलों में पानी की आवक पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। ऐसे में पहाड़ियों का संरक्षण करना अति आवश्यक है। नई हिल पॉलिसी में इन सभी तथ्यों को समावेश किया जाना चाहिए।
ऐसे तैयार होगा नई हिल पॉलिसी का ड्राफ्ट
यूडीए अध्यक्ष भट्ट ने बताया कि नई हिल पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए जल्द ही एक विशेषज्ञ कमेटी का गठन किया जाएगा जिसमें यूडीए, नगर नियोजन, राजस्व, वन, सिंचाई विभाग के विशेषज्ञों सहित जीआईएस एक्सपर्ट एवं आर्किटेक्ट आदि को सम्मिलित किया जाएगा। इसके तहत सज्जनगढ़ की पहाड़ी को केन्द्र मानते हुए 20 किलोमीटर की हवाई परिधि में आने वाली पहाड़ियों का सर्वे किया जाएगा जिसके आधार पर पहाड़ियों का वर्गीकरण किया जाएगा। उसके बाद रिपोर्ट तैयार कर राज्य सरकार को प्रेषित की जाएगी जहां पर हाइकोर्ट के दिशा-निर्देशानुसार नये नियम बनाए जा सकेंगें।