अब यूडीए देखगा अपने क्षेत्र का सफाई प्रबंधन
- संभागीय आयुक्त राजेन्द्र भट्ट ने सफाई का ठेका निरस्त कर यूडीए द्वारा स्वयं लेने के दिए निर्देश
- स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) समन्वयक केके गुप्ता की उपस्थिति में हुई बैठक
- दो पार्क व दो कॉलोनियों को मॉडल रूप में विकसित किया जाएगा
पर्यटन नगरी उदयपुर अपनी सुंदरता के लिए देश-विदेश में प्रसिद्ध है। अब इसे स्वच्छता में भी प्रसिद्धि दिलाने की कवायद की जाएगी। इसी कड़ी में यूडीए अध्यक्ष संभागीय आयुक्त राजेन्द्र भट्ट और ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के तहत स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के लिए नियुक्त समन्वयक केके गुप्ता ने शुक्रवार को यूआईटी में तकनीकी अधिकारियों के साथ संयुक्त बैठक की।
भट्ट ने हाल ही में स्वच्छता रैंकिंग में उदयपुर का 206 वां स्थान आने पर निराशा जाहिर करते हुए इसे सुधारने की दिशा में जरूरी कदम उठाने की आवश्यकता जताई। बैठक में गुप्ता ने यूडीए अधिकार क्षेत्र में आने वाली कॉलोनियों की खराब सफाई व्यवस्था की जानकारी देते हुए कचरे के ढेर के फोटोग्राफ्स सबके समक्ष रखे। इस पर यूडीए अध्यक्ष ने संबंधित ठेकेदार को बुलाकर तुरंत प्रभाव से उसका ठेका निरस्त करते हुए सफाई व्यवस्था यूडीए स्तर पर करवाने के निर्देश दिए। भट्ट ने अधिकारियों को यूडीए क्षेत्र में सफाई का जिम्मा स्वयं लेते हुए टेंडर करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नगर निगम को 4 करोड़ रुपये देने के बाद यदि ऐसे कचरा जलते हुए, सड़क पर फैला हुआ दिखता है तो ये सब व्यर्थ है। वर्तमान में यूडीए क्षेत्राधिकार की कॉलोनियों में सफाई व्यवस्था के लिए निगम द्वारा ठेकेदार नियुक्त किया गया था जिसका भुगतान निगम के प्रमाणीकरण के आधार पर यूडीए की ओर से किया जा रहा था।
के.के गुप्ता ने कहा कि इच्छाशक्ति के बल पर उदयपुर को स्वच्छता में सिरमौर बनाया जा सकता है। इसके लिए लोगों की मानसिकता एवं स्वच्छता की आदत बदलने की आवश्यकता है। वृक्षारोपण पर जोर देने, कचरा नहीं जलाने और प्लास्टिक इकट्ठा कर उसका रिसाइक्लिंग कर इस लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।
आज भी उदयपुर खुले में शौच का चलन देखा जा रहा है उन्होंने बलीचा ने डंपिंग यार्ड के फोटो दिखाते हुए कहा कि ये आमजन की सेहत के लिए बहुत खतरनाक है।
गुप्ता ने डूंगरपुर में अपने नगर परिषद सभापति काल का हवाला देते हुए कहा कि सफाई व्यवस्था सुचारू करने से वहां पर गंदगी से फैलने वाली 70 प्रतिशत बीमारियां नियंत्रित हो गई। इसी प्रकार उदयपुर को भी स्वच्छ बनाना है ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन के साथ साथ स्वच्छ नगरी के रूप में इसकी पहचान कायम हो। उन्होंने मंडावा का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां पर गंदगी की वजह से पर्यटकों की संख्या में तेजी से कमी आ गई थी। इसका अर्थ है कि पर्यटक उन स्थानों पर जाना अधिक पसंद करते है जहां की साफ-सफाई बेहतर हो। बैठक में नगर निगम उपायुक्त सुधांशु सिंह, यूडीए के अधीक्षण अभियंता अनित माथुर, डीटीपी ऋतु शर्मा, अधिशासी अभियंता निर्मल सुथार व शरद माथुर, निगम के स्वास्थ्य अधिकारी सत्यनारायण शर्मा, आर्किटेक्ट सुनील लढ्ढा सहित अन्य तकनीकी स्टाफ मौजूद रहे।
दो कॉलोनी व दो पार्क बनेंगे मॉडल
बैठक में के.के.गुप्ता ने डूंगरपुर के अनुभव के आधार पर प्रारंभिक तौर पर उदयपुर की दो कॉलोनी व दो पार्क को मॉडल के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव रखा। इस पर यूडीए अध्यक्ष ने संजय पार्क व राजीव गांधी पार्क को मॉडल पार्क बनाने हेतु कार्य प्रारंभ करने की स्वीकृति दी। साथ ही यूडीए अधिकारियों को दो कॉलोनियां चिन्हित कर इस कार्य हेतु प्रस्तावित करने को कहा। गुप्ता ने कहा कि वे इन पार्क और कॉलोनियों को विकसित करने की रूपरेखा तैयार करेंगे जिसे यूडीए द्वारा अमलीजामा पहनाया जाएगा।