महिला समानता दिवस पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम
महिला सशक्तिकरण के लिए मील का पत्थर साबित होगी महिला निधि -मुख्यमंत्री
- उत्कृष्ट कार्य के लिए राजीविका कम्यूनिटी कैडर की 8 महिलाओं को किया पुरस्कृत
- समूहों व महिलाओं को ऋण के चैक किए वितरित
- स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री के लिए एमओयू
- उड़ान योजना के द्वितीय चरण के लिए 600 करोड़ रूपये
- सभी जिलों में इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना लागू
जयपुर, 26 अगस्त। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को महिला समानता दिवस पर महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक उन्नति के लिए महिला निधि का लोकार्पण किया। इससे महिलाओं को रोजमर्रा की आवष्यकता के अलावा व्यवसाय को बढ़ाने व उद्यमिता के लिए सुलभ ऋण उपलब्ध हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि महिलाओं की स्थिति बेहतर बनाने के लिए सिर्फ कानून ही काफी नहीं है, उनके साथ समानता के व्यवहार के लिए सामाजिक सोच में बदलाव की जरूरत है। राज्य सरकार द्वारा महिलाओं के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं चलाई जा रही है। महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वरोजगार सहित स्वयं की सुरक्षा और आईटी प्रशिक्षण आदि के लिए तेज गति से काम हो रहा है, ताकि वे आत्मनिर्भर बनकर प्रदेश के चहुंमुखी विकास में भागीदारी निभा सकें।
श्री गहलोत महिला समानता दिवस पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की अनेक योजनाएं महिला केन्द्रित हैं, जो उनके सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्धता का परिचायक है। राज्य के विकास तथा सुशासन में महिलाओं की भागीदारी अधिक से अधिक हो, राज्य सरकार यह सुनिश्चित कर रही है। पिछले तीन वर्षो में महिला और बालिकाओं के कल्याण हेतु राज्य सरकार द्वारा बजट में 52 घोषणाएं की गई हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश की महिलाओं एवं बालिकाओं को सुरक्षा प्रदान करने, उन्हें आत्मरक्षा की दृष्टि से मजबूत बनाने तथा अपने अधिकारों और कानूनों के बारे में सजग करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि पंचायतीराज संस्थाओं में महिलाओं को आरक्षण भूतपूर्व प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी की देन है। उनके क्रांतिकारी सुधारों की वजह से महिलाएं पहले की तुलना में अधिक सशक्त हुई हैं। उनमें आत्मविश्वास पैदा हुआ है और वे निडरता से अपने काम-काज की बागडोर संभाल रही है।
महिला निधि से मिलेगा राज्य की महिलाओं को सम्बल
मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट 2022-23 में महिला निधि की स्थापना राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद् के माध्यम से करने की घोषणा की थी। तेलंगाना के बाद राजस्थान देश का दूसरा राज्य है, जहां महिला निधि की स्थापना की गई है। महिला स्वयं सहायता समूह को मजबूत बनाने, बैकों से ऋण दिलाने, गरीब, सम्पत्तिहीन और सीमान्त महिलाओं की आय बढ़ाने व कौषल विकास कर महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक उन्नति के लिए महिला निधि की स्थापना की गई है।
इस योजना के अंतर्गत 40,000 रूपये तक के ऋण 48 घण्टे में व 40,000 रूपये से अधिक के ऋण 15 दिवस की समय सीमा में आवेदित सदस्यों के समूह के बैंक खाते में जमा हो जाएंगे। वर्तमान में राज्य