हितेश ने शुरू किया गौरैया को बचाने का अभियान – “स्पैरो कम बैक होम”

 हितेश ने शुरू किया गौरैया को बचाने का अभियान – “स्पैरो कम बैक होम”

एक समय में चहचहाती गौरैया आज लुप्त होती जा रही है, इस नन्ही से चिड़िया को बचाने के लिए उदयपुर के हितेश कुमावत और उनकी संस्था दी मिशन ऑफ़ हैप्पीनेस ने पिछले 7 वर्षो से “स्पैरो कम बैक होम” अभियान चला रखा है, जिसके तहत हर साल 20 मार्च को गौरैया दिवस मनाया जाता है.

दी मिशन ऑफ हैप्पीनेस फाउंडेशन के बैनर तले गौरैया के संरक्षण के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किये जा रहे है.संस्थापक हितेश कुमावत ने उदयपुरवाले.कॉम को बताया कि घोसला कैसे तैयार करना है, कहां लगाना है, कैसे गौरैया और इसके बच्चों का ख्याल रखना है इस बारे में समय समय पर जनता को वालंटियर्स द्वारा जानकारी दी जाती है.

हितेश बताते है, “अभी गौरैया का प्रजननकाल है, इसके बाद जैसे ही तेज गर्मी शुरू होगी तो इन पंक्षियों को दाना के साथ पानी के लिए संघर्ष करना पड़ेगा. पेड़ों की पुरजोर कटाई से इनके लिए आशियाना तलाशना भी काफी मुश्किल होता जा रहा है, वेसे संस्थान के आस पास हरियाली है लेकिन फिर भी हमने गौरैया की सुरक्षा को लेकर घोसले लगाए है,.”

“पानी के लिए विशेष मिट्टी के कटोरे टांगे हैं। उनके लिए रोज दाने की व्यवस्था की जाती है”.

वह बताते हैं जूते के डिब्बों या कार्डबोर्ड के अन्य डिब्बों या लकड़ी से गौसले बना सकते है, और ऐसे स्थाननो पर लगा सकते हैं जहां पक्षियों को आने-जाने में आसानी हो.साथ ही सुरक्षा की दृष्टि से भी इस बात का ख्याल रखा जाए कि बिल्ली की पहुंच यहां तक न हो। इसके अलावा जिस स्थान पर घोसला हो, वहां विशेषकर छत के पंखे दूरी पर हों। गौरैया के लिए दाना-पानी का ध्यान रखें। खुद ऐसा करें और दूसरों को भी प्रेरित करें।

जब आप गौरैया का ख्याल रखेंगे तो वह आपके आंगन में जरूर फुदकेगी और आपके मन को सुख की अनुभूति कराएगी.

हितेश कुमावत बताते है कि स्पैरो कम बैक होम का अभियान शुरू करने की प्रेरणा उन्हें एक किसान से मिली जिन्होंने इन पक्षियों के मनुष्य जीवन पर प्रभाव के बारे में बताया और कैसे अब यह धीरे धीरे ख़त्म हो रही है, जिसका कारण भी मनुष्य ही है.

यह अभियान अब देश के कोने-कोने तक पहुंच रहा है, घरो में सुंदर सा गौरैया का घोसला धीरे-धीरे स्टेटस सिंबल भी बनता जा रहा है। यह शुरुआत घनी बस्तियों से हुई थी लेकिन अब पॉश इलाकों में पेड़-पौधों के बीच सुंदर सा घोसला गौरैया को सुरक्षा दे रहा है.

हम मिल कर ही इस नन्ही से खुबसूरत चिड़िया को बचा सकते है.

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  • Bhautik achcha kam hai

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