जिंक के जीवन तरंग कार्यक्रम में मूक बधिर बच्चों को सड़क सुरक्षा के प्रति किया जागरूक

 जिंक के जीवन तरंग कार्यक्रम में मूक बधिर बच्चों को सड़क सुरक्षा के प्रति किया जागरूक

हिंदुस्तान जिंक के जीवन तरंग कार्यक्रम के माध्यम से दिव्यांगों को सशक्त बनाने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए मूक बधिर छात्रों को सड़क सुरक्षा के बारें में जानकारी प्रदान करने हेतु जागरूकता सत्र आयोजित किये।

सत्र में कक्षा 1से 11 तक एवं 5 वर्ष और उससे अधिक आयु के 300 से अधिक छात्रों ने भाग लिया। अजमेर, भीलवाड़ा एवं उदयपुर की तीन स्कूलों के छात्रों को आवश्यक सड़क सुरक्षा पर जानकारी दी गयी। जागरूकता सत्र का संचालन भारतीय सांकेतिक भाषा में नोएडा डेफ सोसाइटी ट्रेनर्स के कुशल प्रशिक्षक द्वारा किया गया। सत्र के दौरान सड़क के हिस्से, विभिन्न रोशनी का अर्थ, सड़क पर क्या करें और क्या न करें और यातायात प्रतीक शामिल थे। प्रतिभागियों को सड़क सुरक्षा से संबंधित अपने अनुभव और चुनौतियों को साझा करने का भी अवसर मिला।

इसके अलावा, सत्र में सड़कों पर विशेष बच्चों की सतर्कता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया, अतिरिक्त सड़क सुरक्षा सावधानियों पर जोर दिया गया, जिसके बारे में उन्हें जागरूक होने की आवश्यकता है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि वे सड़क पर सुरक्षित और आश्वस्त रह सकें। सत्र का समापन प्रश्नोत्तरी के साथ हुआ।

हिन्दुस्तान जिं़क के जीवन तरंग कार्यक्रम की पहल विशेष योग्यजन बच्चों को सशक्त बनाने हेतु संचालित की जा रही है। वर्ष 2017 में विशेषयोग्यजनों को उनकी शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा कर उन्हें सशक्त बनाने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। इस कार्यक्रम से दृश्य और श्रवण दोष वाले लगभग 700 से अधिक बच्चों के सीखने के स्तर में सुधार हुआ है। इनमें से लगभग 600 ने एक समर्पित पाठ्यक्रम के माध्यम से भारतीय सांकेतिक भाषा सीखी है और 100 से अधिक दृष्टिबाधित बच्चों को प्रौद्योगिकी डेजी प्लेयर, स्मार्टफोन, कंप्यूटर, एमएस-ऑफिस, सीखने की सामग्री को ऑनलाइन एक्सेस करने के लिए सॉफ्टवेयर आदि के उपयोग में प्रशिक्षित किया गया है।

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