गर्ग का शोध यूनेस्को वर्ल्ड एटलस में शामिल 

 गर्ग का शोध यूनेस्को वर्ल्ड एटलस में शामिल 

उदयपुर। मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के सहायक आचार्य  डॉ. खुशपाल गर्ग के दक्षिणी राजस्थान के अंचल में बोली जाने वाली बोली ‘वागडी’ पर किये गये वागडी भाषा की विविधता एवम् समरूपता विषयक शोध ग्रन्थ को यूनेस्को द्वारा संस्थान की आधिकारिक वेबसाइट पर वर्ल्ड एटलस ऑफ लेंग्वेज में संदर्भ पुस्तकों मे श्रेणी बद्ध किया गया है I

इससे वागडी बोली पर शोध करने वाले शोधार्थी इस शोध ग्रन्थ का उपयोग कर इस बोली के बारे में तथ्यात्मक जानकारी प्राप्त कर शोध कर सकेंगे I साथ ही इस उपलब्धि से इस बोली पर वर्त्तमान में शोध करने वाले शोधार्थियों में भी ख़ुशी की लहर हे कि इस बोली में भी स्तरीय शोध करने पर असीमित सफलताओ की सम्भावनाये है I     

डॉ. खुशपाल गर्ग राजस्थान राज्य के वागड अंचल के बाँसवाडा जिले के रहने वाले है जिन्होने कई शोध पत्रों का राष्ट्रिय एवं अंतराष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुतीकरण किया हे I उनके कई शोध पत्र कई ख्यातनाम राष्ट्रिय एवं अंतराष्ट्रीय पत्रिकाओ में प्रकाशित हो चुके हे I  उनका शोध कार्य मुख्यतः वागडी बोली और आदिवासी साहित्य एवं लोक संस्कृति के विभिन्न आयामों पर केन्द्रित रहता है।

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