मुख्यमंत्री की पहल पर निराश्रित बच्चों ने हर्षोल्लास से मनाई दिवाली

 मुख्यमंत्री की पहल पर निराश्रित बच्चों ने हर्षोल्लास से मनाई दिवाली

-वैदिक संस्कारों के नारायण गुरुकुल का भी शुभारंभ

उदयपुर,21 अक्टूबर|  मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सोच और संदेश ‘निराश्रित बच्चों के साथ मनाएं दीपावली‘ को नारायण सेवा संस्थान ने जिला प्रशासन के साथ शुक्रवार को हर्षोल्लास से साकार किया।

संस्थान के बड़ी स्थित सेवा महातीर्थ में सैकड़ो निराश्रित बच्चों व वृद्धाश्रमों में आवासित वृद्धजनों ने जिले के जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक अधिकारियों के सानिध्य में गणेश पूजन के बाद प्रतिक रूप में दीप जलाए, पटाखे चलाए और स्नेह भोज किया। संस्थान अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि इस शुभ मौके पर बच्चों को वैदिक शिक्षा व संस्कार देने के लिए ‘ गुरुकुल ’ का जिला कलेक्टर ताराचंद्र मीणा व संस्थान संस्थापक कैलाश ‘मानव‘ ने उदघाटन भी किया ।

निराश्रित बच्चों  के साथ दीपोत्सव कार्यक्रम में भगवान महावीर निराश्रित गृह, मनु सेवा संस्थान, किशोर निराश्रित गृह,जीवन ज्योति निराश्रित गृह,मीरा निराश्रित गृह, आसरा विकास संस्थान, देवाली होम में आवासित निराश्रित बच्चों सहित तारा वृद्धाश्रम के वृद्धजनों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।  सभी बच्चों एवं वृद्धजनों को अतिथियों ने गिफ्ट हैंपर भेंट किये। 

मुख्य अतिथि वल्लभनगर विधायक प्रीती शक्तावत ने कहा कि मुख्यमंत्री के संवेदनशील सोच वाले इस कार्यक्रम को मूर्तरूप देकर नारायण सेवा संस्थान ने उदाहरण पेश किया है।  राजस्थान भर में चलने वाले इस कार्यक्रम से कोई घर एवं कोई भी बच्चा ख़ुशी और मुस्कान से वंचित नहीं रहेगा।

कार्यक्रम को एसडीएम गिर्वा सलोनी खेमका एसडीएम बड़गांव मोनिका झाखड़ ब्रांड एम्बेसडर ‘सेव द गर्ल‘ दिव्यानी कटारा, पूर्व विधायक त्रिलोक पूर्बिया एडीजे कुलदीप शर्मा, राज्य बाल कल्याण आयोग के सदस्य डॉ शैलेन्द्र पण्ड्या, गोपाल कृष्ण शर्मा, विवेक कटारा व सामाजिक न्याय एवं अधिकारिकता विभाग के उपनिदेशक मानधाता सिंह ने भी सम्बोधित किया।  इस अवसर पर पंकज कुमार शर्मा, के के चंद्रवंशी, मीना शर्मा, बाल कल्याण समिति के ध्रुव कविया, राजीव कुमार, ज़िगनेश कुमार, सुरेश चन्द्र आदि भी उपस्थित थे। 

कार्यक्रम का समापन निदेशक वंदना अग्रवाल के निर्देशन में बच्चों एवं वृद्धजनों के सामूहिक गीतों एवं नृत्यों के साथ हुआ।संयोजन ट्रस्टी देवेंद्र चौबीसा व आभार जगदीश आर्य ने किया।

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