जीआईएस तकनीक के इस्तेमाल के लिए सूचना प्रौद्योगिकी विभाग एवं सुखाड़िया विश्वविद्यालय में एमओयू

 जीआईएस तकनीक के इस्तेमाल के लिए सूचना प्रौद्योगिकी विभाग एवं सुखाड़िया विश्वविद्यालय में एमओयू

उदयपुर। मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय एवं राजस्थान सरकार के सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के बीच शैक्षणिक कार्यों में तकनीकी दक्षता बढ़ाने के उद्देश्य से 2 वर्ष के लिए एक एमओयू किया गया है।

मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आईवी त्रिवेदी, सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के संयुक्त सचिव एवं आयुक्त आशीष गुप्ता ने इस एमओयू पर हस्ताक्षर किए।

इस एमओयू में परिकल्पना की गई है कि सरकार की विभिन्न परियोजनाओं के माध्यम से विकसित जीआईएस डेटाबेस का उपयोग राज्य स्तर के संस्थानों द्वारा किया जाएगा और इसी संदर्भ में सुखाड़िया विश्वविद्यालय के साथ एमओयू शैक्षणिक एवं तकनीकी गुणवत्ता को बढ़ाएगा। शैक्षिक परियोजनाओं के लिए साझा जीआईएस सेवाओं का विश्लेषण और उपयोग और राज्य विकास योजना में योगदान इसका मुख्य उद्देश्य होगा।

विद्यार्थी और शोधार्थी भूविज्ञान का उपयोग करते हुए जीआईएस-आधारित अनुप्रयोग से उच्च-स्तरीय जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।

इसमें नक्शे और खनिज नक्शे, विभिन्न उत्पादों और समाधानों के प्रभावी उपयोग के लिए एक सामान्य बुनियादी ढांचे के रूप में एक हाई-एंड लैब स्थापित होगी। 

विभाग बिना किसी वित्तीय दायित्व के भू-स्थानिक समाधानों,अनुप्रयोगों, उपयोग-मामलों की अवधारणा, विकास और कार्यान्वयन में सुखाड़िया विश्वविद्यालय से ज्ञान प्रबंधन सहायता और क्षमता निर्माण का लाभ उठाएगा।

 राज्य के स्वामित्व वाले साझा करने योग्य डेटासेट और सरकारी डोमेन में जीआईएस परियोजनाओं के कार्यान्वयन के विशाल अनुभव का लाभ विद्यार्थियों को मिलेगा।

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