फतेहसागर मे एक से डेढ़ लाख मछलियों के मरने की आशंका झील प्रेमियों में गहरा आक्रोश
मछलियों की जीवन रक्षा के लिए गठित हो सरकारी दल, बने प्रोटोकॉल
उदयपुर, 25 जून, फतेहसागर मे कुछ सैंकड़ों नही वरन एक लाख से भी ज्यादा संख्या मे मछलियों की मौत की आशंका है । फतेहसागर किनारे व भीतर मृत मछलियों की भारी दुर्गंध व्याप्त है । रविवार को मजदूर मृत मछलियों को बोरी के कट्टों मे भर कर हटाने मे लगे रहे ।
मौके का निरीक्षण करने पंहुचे झील प्रेमियों ने मत्स्य मौत की इस विभीषिका पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया है।
झील संरक्षण समिति के डॉ अनिल मेहता ने कहा कि ऐसी भयावह स्थिति पिछोला सहित ज़िले की अन्य झीलों मे भी हो सकती है । इसके लिए स्थानीय निकाय, मत्स्यकी विभाग, जल संसाधन विभाग , प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारियों के दल का गठन कर झील तंत्र की निरंतर निगरानी की व्यवस्था बनानी चाहिए ।
झील विकास प्राधिकरण के पूर्व सदस्य तेज शंकर पालीवाल ने कहा कि पेयजल की झील मे मृत मछलियाँ मानव स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है । मछलियों की मौत के कारणों का गंभीर विश्लेषण कर इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्यवाही करनी चाहिए ।
गाँधी मानव कल्याण समिति के निदेशक नंद किशोर शर्मा ने कहा कि मृत मछलियों को कंहा विसर्जित किया जा रहा है, इसकी निगरानी भी सरकारी विभागों को करना चाहिए । अन्यथा मानव स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है ।
झील प्रेमी द्रुपद सिंह ने कहा कि झील मे विसर्जित हो रही गंदगी मछलियों की मौत का एक कारण है । यह गंदगी नागरिकों के लिए भी जानलेवा है ।