अवैध “एग डोनर” क्लीनिक पर छापा: मौके से आईवीएफ के इंजेक्शन हुए बरामद

 अवैध “एग डोनर” क्लीनिक पर छापा: मौके से आईवीएफ के इंजेक्शन हुए बरामद

शहर के बीच मधुबन क्षेत्र में अवैध रूप से चलाए जा रहे एग डोनर सेंटर पर आज चिकित्सा एवम स्वास्थ्य विभाग ने छापामार कार्रवाई की। मुख्य चिकित्सा एवम स्वास्थ्य अधिकारी डॉ दिनेश खराड़ी ने मय टीम हिरण एक्सरे वाली गली में संचालित एंजल एग डोनर सेंटर क्लीनिक पर कारवाई करते हुए मौके पर उपलब्ध दस्तावेज एवम् अन्य कागजात जब्त किये।

सीएमएचओ डॉ खराड़ी ने बताया कि सूचना मिली थी कि मधुबन में एग डोनर सेंटर के रूप में क्लिनिक का संचालन किया जा रहा है जहा आईवीएफ हेतु एग डोनेशन की क्रिया अवैध रूप से संचालित की जा रही है एवम् इस कार्य में 18 वर्ष से कम उम्र की बच्चियों को भी लिप्त किया जा रहा है।

उक्त सूचना पर मय टीम द्वारा एंजल एग डोनर सेंटर पर छापा मारा गया। कारवाई के दौरान पता चला की इस केंद्र का संचालन मल्लातलाई निवासी सितारा बानो के द्वारा किया जा रहा है जो मौके पर उपस्थित नहीं मिली।

डॉ खराड़ी ने बताया कि क्लीनिक का ना तो क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत पंजीकरण पाया गया और न ही बायो मेडिकल वेस्ट का पंजीकरण पाया गया। मौके पर काफी मात्रा में आईवीएफ में काम आने वाले इंजेक्शन बरामद हुए जिसके लिए ड्रग कंट्रोलर को बुला ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट के तहत कारवाई करने हेतु कहा गया।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ दिनेश खरादी ने बताया कि मौके पर इंजेक्शन लगवाने आई महिलाओ से मौका बयान लिए गए है। हालांकि मोके पर कोई नाबालिग नही पाया गया। क्लीनिक पर उपलब्ध समस्त दस्तावेजों को जब्त कर लिया गया है जिसकी जांच पड़ताल की जाएगी जिसके अनुसार आगे की कारवाई को अंजाम दिया जाएगा।

क्यूँ किया जाता है एग डोनेशन : बीबीसी में छपे एक लेख के अनुसार, ‘एग डोनेशन‘ के लिए महिला के शरीर में हॉर्मोन के इंजेक्शन लगाकर कई अंडे बनाए जाते हैं. फिर अंडों को महिला के शरीर से निकाल लिया जाता है. ये अंडे बाद में किसी ऐसी महिला को गर्भवती करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं जिसका शरीर अंडे बनाने में अक्षम हो.

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