गुलाब बाग बर्ड पार्क में लाल मुनिया ने आठ बच्चों को दिया जन्म

 गुलाब बाग बर्ड पार्क में लाल मुनिया ने आठ बच्चों को दिया जन्म

उदयपुर. उदयपुर के गुलाब बाग के बर्ड पार्क में पक्षियों का कुनबा बढ़ता ही जा रहा है। बर्ड पार्क में लाल मुनिया ने आठ बच्चों को जन्म दिया है। यह लेकसिटी में आने वाले पर्यटकों व पक्षी प्रेमियों के लिए अच्छी खबर है। मुख्य वन संरक्षक आर.के जैन ने बताया कि 

गुलाबबाग बर्ड पार्क में ग्रीन मुनिया और लाल मुनिया के साथ विभिन्न प्रजातियों के पक्षी है, जो पक्षी प्रेमियों के साथ पर्यटकों को खासा आकर्षित करते है। उन्होंने कहा कि लाल मुनिया का परिवार बढ़ा है इससे पर्यावरण जगत में खुशी की लहर है। 

उन्होंने बताया कि गुलाबबाग बर्ड पार्क में जन्मे हुए मुनिया के बच्चों को सन् 2025 में सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में वैज्ञानिक तौर-तरीके से पुनर्निवास किया जाए। उप वन सरंक्षक (वन्यजीव) ने बताया कि ग्रीन मुनिया के बंदी प्रजनन में हुए सात बच्चों की 

खबर स्थानीय मीडिया द्वारा देश-विदेश हर जगह प्रकाशित हुई। इस खबर का असर इस प्रकार देखने को मिला कि एक उदयपुर निवासी ने अवैध रूप से पाली हुई चार लाल मुनिया को गुलाबबाग बर्ड पार्क में गोपनीय रूप में लाकर सौंप दिया। 

यह लाल मुनिया संपूर्ण भारत में पाई जाती है। इसे रेड अवाडवरक के नाम से भी जाना जाता है। पुराने समय में इस पक्षी को अहमदाबाद से दुनिया के दूसरे हिस्सों में निर्यात किया जाता था। इसलिए इसका वैज्ञानिक नाम आमनदावा पड़ गया। 

भारत सरकार ने इस प्रजाति के संरक्षण के लिए 1990 में इसको पकड़ने और पालने पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी।

लाल मुनिया आमतौर से पानी वाली जगहों, घास के मैदानों, गन्ने के खेतों के आस-पास व झीलों के किनारे पाई जाने वाली बड़ी घासों में पाई जाती है। 

नर लाल मुनिया प्रजनन काल के समय लगभग पूर्ण रूप से लाल रंग का हो जाता है, और मादा भूरे रंग की ही रहती है। नर व मादा दोनों के शरीर पर सफेद चित्ते भी होते है। लाल मुनिया पक्षी का प्रजनन काल जुन से सितंबर माह तक होता है। 

गुलाबबाग बर्ड पार्क में लाल मुनिया के रखे गये दो जोड़ो ने पिछले चार महिनों के दौरान आठ बच्चों को जन्म दिया। जुन-जुलाई में पाँच बच्चे हुए और अगस्त-सितंबर के महिने में तीन बच्चों का जन्म हुआ। पक्षी वैज्ञानिक डॉ. रजत भार्गव ने बताया कि लाल मुनिया ने 

गुलाब बाग बर्ड ऐवरी में गमले में लगी टायफा (चटाई) घास के अंदर अपना घोंसला बनाकर अण्डे दिये थे। अध्ययन के दौरान देखा गया कि नर व मादा दोनों अपना घोंसला घास और छोटे छोटे पंखों से बनाते है। 3-5 अण्डे देने के बाद नर व मादा अपने अंडों को 12-14 दिन तक सेते है। 

देखा गया कि रात में सिर्फ मादा ही अण्डे सेती है। अण्डों में से निकले बच्चे 21-22 दिन तक घोंसले में ही रहते है, जब तक पुरी तरह से उनके पर बड़े नहीं हो जाते। कुल मिलाकर लाल मुनिया का प्रजनन काल लगभग 40-45 दिन का होता है। 

डॉ. भार्गव का मानना है कि किसी भी पक्षी को सही तरीके से समझा और रखा जाए तो उसका बन्दी प्रजनन संभव हैं। पिछले डेढ़ साल के दौरान गुलाबबाग में आठ प्रजाति के पक्षियों, लगभग 35 बच्चों का जन्म हुआ है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 

12 मई 2022 को उदयपुर के गुलाबबाग में प्रदेश के पहले बर्ड पार्क का लोकार्पण कर उदयपुर के पर्यावरण व पर्यटन जगत के लिए अनूठी सौगात दी। इस पार्क में 32 पक्षी प्रजाति को रहवास मिला। बोम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी की सहायता से गुलाब बाग बर्ड पार्क का एक हिस्सा लुप्तप्राय 

ग्रीन मुनिया के बंदी प्रजनन केन्द्र के लिए रखा गया। इस सेक्शन में ग्रीन मुनिया के दो जोड़े माउन्ट आबू से लाकर रखे गये। नवंबर 2022 में ग्रीन मुनिया ने गुलाबबाग बर्ड पार्क में चार बच्चों को जन्म दिया। एक बार फिर से जनवरी 2023 में ग्रीन मुनिया के तीन बच्चे पैदा हुए।

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