चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने किया 60 सोनोग्राफी केंद्रों का निरिक्षण
प्रदेश में PCPNDT (pre conception and pre natal diagnostic techniques) अधिनियम की पालना सुनिश्चित करने के उद्देश्य से संचालित सघन निरीक्षण अभियान के अंतर्गत प्राधिकृत अधिकारियों द्वारा उदयपुर जिले में संचालित सोनोग्राफी केंद्रों का निरीक्षण किया जा रहा है। इसी के तहत आज उदयपुर संभाग के संयुक्त निदेशक चिकित्सा डॉ जुल्फिकार अली काजी एवं उपखंड समुचित प्राधिकारी गिर्वा द्वारा 6 सोनोग्राफी केंद्रों का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण दल में जिला पीसीपीएनडीटी समन्वयक मनीषा भटनागर भी मौजूद रही.
निरीक्षण के दौरान डॉ काजी ने सोनोग्राफी केंद्र प्रभारियों को पीसीपीएनडीटी अधिनियम की पालना सख्ती से करने हेतु निर्देशित किया.
निरीक्षण टीम द्वारा सोनोग्राफी केंद्रो पर नियमानुसार संधारित रजिस्टर, फॉरमैट एवं अन्य आवश्यक दस्तावेजों की गहनता से जांच की गई। निरीक्षण टीम द्वारा अधिनियम के तहत संस्थान पर भ्रूण लिंग परीक्षण संबंधित वैधानिक चेतावनी का बोर्ड, योग्य पंजीकृत चिकित्सक की डिग्री का प्रदर्शन एवं मुखबीर योजना का केंद्र पर सहज स्थान पर प्रदर्शन संबंधित दिशा निर्देश भी दिए गए। टीम द्वारा संस्थान पर सोनोग्राफी मशीन के साथ लगे एक ट्रैक्टर की क्रियाशीलता की भी जांच की गई।
अभी तक 80 संस्थानों का किया जा चुका है निरीक्षण
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ दिनेश खराड़ी ने बताया कि 5 फरवरी से संचालित इस सघन निरीक्षण अभियान के तहत अभी तक कुल 80 सोनोग्राफी केंद्रों का निरीक्षण किया गया है जिसमे से 60 केंद्रों का निरीक्षण संयुक्त निदेशक महोदय डॉ ज़ुल्फ़िकार अली काजी द्वारा किया गया है। उन्होंने बताया कि अभियान के अंतर्गत 20 फरवरी तक समुचित प्राधिकृत अधिकारियों द्वारा सभी पंजीकृत सोनिग्रफी केंद्रो का निरीक्षण किया जाएगा। इसके बाद भी अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार सामान्यतः 90 दिन के अंतराल में प्रत्येक सोनोग्राफी केंद्र के निरीक्षण की प्रक्रिया जारी रहेगी।
गौरतलब है कि भ्रूण लिंग परीक्षण रोकने के कार्य में आमजन की भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से पूरे प्रदेश मे मुखबिर योजना भी संचालित की जा रही है। इस योजना के तहत भ्रूण लिंग परीक्षण की सत्य सूचना देने पर तीन लाख रुपये तक की प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान है।