सुखेर में अवैध अस्पताल सञ्चालन का भंडाफोड़
कमीशनखोरी की जांच करने गए स्वास्थ्य अधिकारियो की टीम के सामने चौंकाने वाला मामला सामने आया जब पता चला कि न सिर्फ एम्बुलेंस चालको से कमिशन बल्कि पूरा अस्पताल ही अवैध रूप से संचालित हो रहा है.
मामला सुखेर स्थित सरोज हॉस्पिटल एवं ट्रॉमा सेंटर का है जहाँ आज स्वास्थ्य अधिकारीयों की टीम ने द्वारा शिकायत मिलने पर औचक निरिक्षण किया. मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ शंकर बामनिया ने बताया कि एक महिला ने हॉस्पिटल के एक डॉक्टर सुरज्ञान के खिलाफ लिखित में शिकायत दी थी कि वह एम्बुलेंस चालकों से कमिशन पर सीधे ही मरीजों को सरोज हास्पिटल लेकर आने के लिए बोल रखा है जिससे अनजान मरीज इनके झांसे में फस जाता है। हमारे साथ भी ऐसा ही किया गया।
प्रार्थिया ने बताया कि वे अपने मरीज़ को लेकर राजकीय अस्पताल जा रहे थे पर उन्हें सरोज अस्पताल लाया गया जहाँ उनसे आपरेशन के नाम पर 10 लाख से अधिक रकम वसूल कर ली गई और 3 लाख और मांगे जा रहे हैं। जबकि मरीज़ के स्वास्थ्य में कोई संतोषजनक सुधार नहीं हो रहा है।
शिकायत मिलने पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ बामनिया द्वारा टीम गठित कर निरीक्षण करने हेतु भेजा गया । टीम में डॉक्टर अशोक आदित्य डी आर सी एच ओ, डॉक्टर राकेश गुप्ता एस एम ओ, राजेंद्र सोलंकी, सहायक प्रशासनिक अधिकारी और शरद पाटीदार , कोऑर्डिनेटर चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना सम्मिलित थे ।
निरीक्षक टीम द्वारा अस्पताल संचालन से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए कहा जिसमें चिकित्सा संचालन संबंधी क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट का रजिस्ट्रेशन, वर्तमान में कार्यरत चिकित्सकों की सूची, पैरामेडिकल स्टाफ की सूची, बायोमेडिकल वेस्ट संबंधी प्रमाण पत्र, पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड संबंधी प्रमाण पत्र मांगे गए जिन में से कोई भी दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए ।
डॉ बामनिया ने बताया कि चिकित्सालय के मालिक ललित चोरडिया ने संचालन प्रक्रिया संबंधी कोई कार्यवाही नहीं की थी एवं प्रमाण पत्र नहीं ले रखे थे इससे ज्ञात होता है कि अवैध रूप से हॉस्पिटल का संचालन किया जा रहा था । वहां कार्यरत उपस्थित डॉ नितिन का राजस्थान में प्रेक्टिस करने हेतु आरएमसी नंबर भी नहीं था । वह भी अवैध रूप से प्रैक्टिस कर रहे थे ।
इस प्रकार से अन्य मरीजों के साथ भी धोखा किया जा रहा है और किसी प्रकार का रजिस्ट्रेशन नहीं होने से आम जनता के स्वास्थ्य के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा है। इसकी सूचना खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा पुलिस को दी गई है और उचित कार्यवाही के लिए कहा गया है।