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बाल श्रम रेस्क्यू की बड़ी कार्यवाही, 30 बच्चों को करवाया मुक्त

 बाल श्रम रेस्क्यू की बड़ी कार्यवाही, 30 बच्चों को करवाया मुक्त


उदयपुर, 22 अप्रेल। बाल श्रम मुक्त समाज के लिए नियोक्ताओं के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम अन्तर्गत सख्त कार्यवाही एवं बाल श्रमिकों का बेहतर पुनर्वास सर्वोच्च प्राथमिकता है और आगामी दिनों में भी समय-समय पर इस प्रकार के रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम देकर हम उदयपुर को सामूहिक प्रयास में बाल श्रम मुक्त जिला बनाएंगे।

यह विचार राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य एवं बाल श्रम प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ. शैलेन्द्र पंड्या ने उदयपुर के शहरी क्षेत्र में चले सघन रेस्क्यू ऑपरेशन के पश्चात मानव तस्करी विरोधी यूनिट कार्यालय में व्यक्त किए।

डॉ. पण्डया ने बताया कि कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउण्डेशन, चाइल्ड लाइन एवं स्थानीय स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा बाल श्रमिकों को चिह्नित कर रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी थी। जिसके तत्काल बाद आयोग के द्वारा पुलिस एवं जिला प्रशासन के साथ बड़ी कार्यवाही को अंजाम दिया गया। उन्होंने बताया कि रेस्क्यू करवाए गए सभी 30 बच्चों के संबंध में मौके पर एफआईआर दर्ज कर बच्चों का पुनर्वास करवाया गया।

इस अवसर पर बाल कल्याण समिति उदयपुर के अध्यक्ष ध्रुव कुमार कवीया एवं सदस्य सुरेश शर्मा ने बताया कि रेस्क्यू करवाए गए सभी 30 बच्चों में 28 बच्चों को तितरडी स्थित श्री आसरा विकास संस्थान एवं दो बालिकाओं को बालिका गृह में शेल्टर करवाया गया। दिनभर चले रेस्क्यू ऑपरेशन अन्तर्गत सुखेर पुलिस थाना, सूरजपोल पुलिस थाना, भूपालपुरा, प्रतापनगर एवं सविना पुलिस थाना अन्तर्गत कार्यवाही की गयी। इस मौके पर संबंधित पुलिस थाने के बाल कल्याण पुलिस अधिकारी एवं मानव तस्करी विरोधी यूनिट की टीम सहित स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे।  

कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउण्डेशन नई दिल्ली द्वारा संचालित ऐक्सस टू जस्टिस कार्यक्रम के जिला समन्वयक ललित सिंह ने बताया कि उदयपुर के विभिन्न हॉस्टल, रेस्टोरेंट, ईट भट्टे एवं दुकानों से पूर्व में चिह्नित बाल श्रमिकों को रेस्क्यू करवा व एफआईआर दर्ज करवायी गयी। यह मामले किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 एवं 89 के साथ अन्य राज्यों से मिले बच्चों के गंभीर मामले में भा.द.स. 370 में दर्ज हुए। उन्होंने बताया कि रेस्क्यू करवाए गए बच्चों में अधिकतम संभाग के विभिन्न जिलों के जनजाति परिवार के थे वहीं पांच बच्चें उत्तर प्रदेश एवं दो बच्चें बिहार के मिले।

दिन भर चले रेस्क्यू ऑपरेशन में आयोग सदस्य के साथ चाइल्ड लाईन समन्वयक नवनीत औदिच्य,  श्रम विभाग के अधिकारी, पुलिस प्रशासन, बाल कल्याण समिति, कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन, गायत्री सेवा संस्थान, श्री आसरा विकास संस्थान एवं बाल सुरक्षा नेटवर्क के प्रतिनिधि साथ रहे।
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