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गाड़ी वर्कशॉप में खड़ी थी, फ़ास्ट टैग से कट गए पैसे

 गाड़ी वर्कशॉप में खड़ी थी, फ़ास्ट टैग से कट गए पैसे

टोल नाके से गुज़रते हुई गाडी पर लगे फ़ास्ट टैग के स्टीकर से स्कैन होते ही अपने आप टोल टैक्स कट जाता है पर जो गाड़ी वर्कशॉप में खड़ी हो और फिर भी फ़ास्ट टैग से टोल टैक्स कट जाए…जी हाँ उदयपुर में फ़ास्ट टैग से पैसे कटने का ऐसा ही एक मामला सामने आया है जिसमे कार मालिक को फ़ोन पर टोल से पैसे कटने का मेसेज आया जबकि गाड़ी कंपनी के वर्कशॉप पर सर्विस के लिए खड़ी थी.

मामला 20 फ़रवरी का है जब उदयपुर निवासी शब्बीर हुसैन को फ़ोन पर फ़ास्ट टैग से तमडोली टोल प्लाज़ा से 55 रु कटने का मेसेज आया, शब्बीर हुसैन ने बडोला हुंडई में फ़ोन कर जानकारी ली तो उनकी गाड़ी वर्कशॉप पर ही थी.

राजस्थान में तमडोली टोल प्लाजा निम्बी जोधां में है जो नागौर जिले के लाडनू तहसील में स्थित है, यह उदयपुर से 440 किमी दूर है.

ग्राहक द्वारा paytm से फ़ास्ट टैग पर इसकी जानकारी लेनी चाही तो एक फॉर्म दिया गया जिससे भर कर आगे की कार्यवाही शुरू की जाएगी. हालाँकि यह पहला मामला नहीं है, फ़ास्ट टैग से गलत तरीके से पैसे कटने की कई घटनाएं हो चुकी है जिसकी सुनवाई भी बमुश्किल हो पाती है.

ज़्यादातर मामले तो सामने ही नहीं आते क्यूंकि 50-100 रूपये जैसी राशि के लिए शिकायत करते हुए लोग संकोच करते है या सोचते है कि कौन इतनी से राशि के लिए भागादौड़ी करेगा.

जानकारी के अनुसार पुरे देश में 3.50 करोड़ से भी ज्यादा गाड़ियों में फ़ास्ट टैग लगा हुआ है.

टोल नाके पर समय बचाने के लिए फ़ास्ट टैग एक बहुत आसान और फ़ास्ट विकल्प है पर क्या इस तरह की घटना से फ़ास्ट टैग का इस्तेमाल सुरक्षित है?

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सुझाव: फ़ास्ट टैग पर स्टीकर के स्कैन करते ही पैसे कट जाते है, इसकी जगह एक otp आना चाहिए ताकि फ़ास्ट टैग यूजर को पेमेंट करने से पहले पता चले की कहाँ कितने पैसे कटेंगे.

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