नाथद्वारा में कृष्ण जन्माष्टमी पर दी 21 तोपों को सलामी

 नाथद्वारा में कृष्ण जन्माष्टमी पर दी 21 तोपों को सलामी

उदयपुर. पुष्टिमार्गीय प्रधान पीठ प्रभु श्रीनाथ जी की हवेली में धूमधाम से दो दिवसीय श्री कृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया. जिसमें विशेष रूप से जन्माष्टमी के दिन प्रातः श्रीजी प्रभु की मंगला के पश्चात प्रधान पीठ के विशाल बावा ने श्रीजी प्रभु को पंचामृत स्नान कराया. ततपश्चात श्रीजी प्रभु को विशेष श्रृंगार धरा कर श्रृंगार के दर्शन में प्रभु के सम्मुख श्री कृष्ण जन्म पत्रिका श्रीजी मंदिर के पंड्या द्वारा बांची गई.

रात्रि में श्रीजी प्रभु के 9:00 बजे जागरण के दर्शन खुले जो रात्रि के 11:30 बजे तक दर्शन हुए तत्पश्चात रात्रि के 12:00 बजे जो कि श्री कृष्ण का जन्म समय माना जाता है श्री कृष्ण के जन्म की इस शुभ वेला में श्रीजी प्रभु में विश्व की एकमात्र अनूठी परंपरा का निर्वाह जो की 350 वर्षों से किया जा रहा है.

21 तोपों की सलामी के रूप में प्रभु को सम्मान एवं स्वागत तथा संपूर्ण पुष्टि सृष्टि को प्रभु के आगमन की सूचना का प्रतीक है इस उपलक्ष में 21 तोपों की सलामी दी गई. सुबह नंद महोत्सव की शुभ वेळा में गो. चि.105 विशाल बावा ने नवनीत प्रिया एवं श्रीजी प्रभु के छठी की पूजा की एवं तत्पश्चात श्रीजी प्रभु के गोद के ठाकुर नवनीत प्रिया को श्रीजी प्रभु के सम्मुख स्वर्ण पलने में बिरजा कर नंद बावा एवं यशोदा के रूप में बने श्रीजी एवं लाडले लाल प्रभु के मुखिया द्वारा प्रभु को स्वर्ण एवं रजत से निर्मित खिलौनों से  रिझाया गया एवं पलना झुलाया गया.

ग्वाल एवं गोपी बने मंदिर सेवकों ने नृत्य गान किया. इस अवसर पर संपूर्ण हवेली एवं नगर में दूध दही एवं केसर से युक्त रस का छिड़काव कर सभी वैष्णव जन को सरोवर किया एवं बड़े धूमधाम से श्री कृष्ण जन्मोत्सव एवं नंद महोत्सव मनाया गया. इस अवसर पर विशाल बावा ने संपूर्ण पुष्टि सृष्टि एवं वैष्णव जन को श्री कृष्ण जन्मोत्सव की खूब-खूब बधाई दी.

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