झील में सिवरेज का पानी समा रहा, प्लास्टिक-पॉलीथिन का ढेर : झील प्रेमी
उदयपुर. झील संरक्षण समिति के सदस्य रविवार को पिछोला झील का निरीक्षण. निरीक्षण में पिछोला के कुम्हारियाँ तालाब में बने सीवर मेनहोल से झील में निरंतर रिसाव होना पाया गया. वहीं खुली नालियों से बस्तियों का समस्त कचरा झील में समा रहा था. प्लास्टिक-पॉलीथिन का ढेर भी मिला. इस पर झील प्रेमियों ने इस पर गहरा आक्रोश जताया है.
निरीक्षण में समिति के डॉ. अनिल मेहता, झील विकास प्राधिकरण के पूर्व सदस्य तेज शंकर पालीवाल, गाँधी मानव कल्याण सोसायटी के निदेशक नंद किशोर शर्मा, अभिनव संस्थान के निदेशक कुशल रावल, वरिष्ठ नागरिक द्रुपद सिंह ने इस स्थिति को गंभीर पर्यावरण आपदा बताया है.
झील प्रेमियों ने बताया कि भट्टवाड़ी क्षेत्र में झील में बने मेनहोल आगे की लाइन चोक होने से लबालब हो गया है तथा मेनहोल में हुए छेद से गंदा पानी झील में गिर रहा है. सड़क की खुली नालियों तथा सड़क व झील सतह की सीवरेज प्रणाली की नियमित साफ सफाई, मरम्मत व सुधार नही होने से झीलों में भारी मात्रा में गंदगी प्रवाहित हो रही है.
झील प्रेमियों ने कहा कि सीवरेज चेम्बर, मेनहोल सफाई के कार्मिकों के स्वास्थ्य सुरक्षा के साधन, चोकिंग हटाने के आवश्यक उपकरण, सीवरेज मरम्मत के शिक्षित तकनीशियन नही होने से नियमित संधारण नही हो रहा है. सीवरेज लाइनों के हर जोन के लिए एक प्रभारी कार्मिक होना चाहिए तथा सिवरेज प्रणाली निगरानी में इंटरनेट ऑफ थिंग्स तकनीकी का उपयोग करना चाहिए.