सीएम गहलोत ने कलक्टर, सीएमएचओ और डीटीओ को सम्मानित किया

 सीएम गहलोत ने कलक्टर, सीएमएचओ और डीटीओ को सम्मानित किया

उदयपुर. राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत सब नेशनल लेवल सर्टिफिकेशन हेतु उदयपुर जिले को कांस्य पदक मिला है। वर्ष 2015 की तुलना में वर्ष 2022 में क्षय रोग की दर में 20 प्रतिशत से 40 प्रतिशत की कमी लाने पर भारत सरकार के केंद्रीय क्षय अनुभाग द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर उदयपुर जिले को कांस्य पदक प्रदान किया गया है।

इस हेतु मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा गुरुवार को जयपुर में आयोजित होने वाले ’टीबी मुक्त राजस्थान सम्मेलन’ में जिला कलक्टर अरविंद कुमार पोसवाल, सीएमएचओ डॉ शंकर बामनिया व जिला क्षय अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार सिंघल को संयुक्त रूप से राज्य स्तरीय सम्मान से सम्मानित किया गया। 

कलक्टर पोसवाल ने बताया कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत उदयपुर जिला अग्रणी रहा है। उन्होंने सफलता का श्रेय टीम उदयपुर को दिया है। सीएमएचओ डॉ शंकर बामनिया ने बताया कि इसके लिए 150 प्राइवेट प्रैक्टिशनर्स को जोड़ा है। गत एक वर्ष में ’निश्चय संबल योजना’ के तहत 16,000 फुट पैकेट टीबी मरीजों को वितरित किए हैं जो पूरे राजस्थान में सर्वाधिक है। 

प्रत्येक टीबी मरीज को उसके निवास स्थान पर या कार्यस्थल के नजदीक दवाई मिले इसके लिए उनकी टीम ने टीबी मरीजों की दवाइयां को सब सेंटर/आंगनबाड़ी तक विकेन्द्रीकृत किया। टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान-1 के दौरान हमने उदयपुर जिले में 75 ग्राम पंचायत पर नुक्कड़ नाटक व जादूगर शो के माध्यम से प्रत्येक गांव के प्रत्येक व्यक्ति को टीबी की बीमारी, समय पर इलाज हेतु जागरूक किया।

बहुविभागीय सहयोग हेतु विभिन्न सरकारी विभाग, कॉरपोरेट सेक्टर व एनजीओ को निर्देशित कर टीबी मुक्त कार्यस्थल बनाने हेतु निर्देशित किया गया। डीएमएफटी फंड से सिलिकोसिस मरीज तथा टीबी मरीजों की जांच हेतु वेल इक्विप्ड मोबाइल वैन क्रय करने हेतु स्वीकृति दी गई एवं प्रत्येक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर एनएएटी जांच संभव हो सके, इसलिए 12 ट्रूनाट मशीनों को क्रय करने की स्वीकृति दी गई। 

डॉ बामनिया ने बताया कि उदयपुर जिले को ’टीबी मुक्त उदयपुर’ जिला बनाने के लिए हम दृढ़ संकल्पित हो कर प्रयास करेंगे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त करने और पंचायत स्तर तक रोगियों को चिन्हित कर उपचार करने हेतु ‘टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान‘ संचालित किया जा रहा है। इस वर्ष राज्य की ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त करने के लिए प्रदेश की 7000 ग्राम पंचायतों में ‘टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान‘ के द्वितीय चरण का शुभारंभ किया गया है। 

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