चारकोल चित्रांकन कैम्प का समापन

 चारकोल चित्रांकन कैम्प का समापन

उदयपुर, 16 मई। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की की ओर से माउंट आबू में आयोजित ‘‘चारकोल चित्रांकन कैम्प’’ का समापन हुआ जिसमें देश के 24 नामचीन कलाकारों ने कैनवास पर चारकोल से सुंदर चित्रों का सृजन किया है।

बैठक में केन्द्र निदेशक किरण सोनी गुप्ता ने बताया कि चित्रकारी में चारकोल एक ऐसा माध्यम है जिससे चित्रों का सृजन एक अलग अनुभूति देता है।

देश में इस विधा पर कार्य करने वाले लोगों को एक मंच पर लाने व सृजनात्मक आदान प्रदान के लिये केन्द्र द्वारा 10 से 15 मई तक माउन्ट आबू में चित्रांकन कैम्प का आयोजन किया गया जिसमें 24 कलाकारों ने भाग लेकर विशिष्ट शैली में चित्रण किया। उन्होंने बताया कि कलाकारों ने कैनवास पर माउन्ट आबू के नैसर्गिक सौंदर्य जिसमें नक्की झील, गुरु शिखर, राजस्थान के राज प्रासादों के साथ-साथ भाव प्रवण पोर्ट्रेट्स, झरोखे, प्रमिल दृश्यों का चित्रण सुंदरता से किया गया

कैम्प के दौरान ही पराग बोरसे ने नक्की झील पर कैनवास पर चारकोल चित्रण का जीवंत प्रदर्शन कर पर्यटकों को चित्रण कला की तकनीक से साक्षात् करवाया। कैम्प के समापन अवसर पर कलाकारों द्वारा सृजित चित्रों की प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। जिसमें अनूप श्रीवास्तव, दिलिप दुधाने, दुर्गेश कुमार अटल, गायत्री मेहता, हरि शिवाजी धोंगडे, कैलाश लहांगे, मंगेश पाटिल, मोहन जाधव, निलेश दिगम्बर भारती, पराग बोरसे, प्रफुल्ल तलवड़े, राहुल सतपुते, राकेश सूर्यवंशी, राम खरतवाल, रमेश पचपंडे, संदीप घुले, संदीप दुर्गवट, संजय साबले, सोमनाथ बोथे, सोमनाथ माने, तीर्थंकर बिस्वास, वैभव नायक, विजय कुमावत तथा विलास नामदेव गायकवाड़ की कृतियाँ प्रदर्शित की गई।

इन कला कृतियों को समापन माउन्ट आबू में प्रदर्शित किया गया वहीं केन्द्र के मुख्यालय बागोर की हवेली में इन चित्रों की प्रदर्शनी लगाई जायेगी।

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