मेवाड़ की पहली बायॉपिक फ़िल्म “श्याम सुन्दर पालीवाल” अब स्टेज ओटीटी प्लेटफार्म पर

 मेवाड़ की पहली बायॉपिक फ़िल्म “श्याम सुन्दर पालीवाल” अब स्टेज ओटीटी प्लेटफार्म पर

निर्देशक राहुल कुमार शुक्ला द्वारा बनाई गई “श्याम सुन्दर पालीवाल” फ़िल्म हाल ही मेन रिलीज़ हुई है जो राजस्थान के राजसमंद जिले के पिपलांत्री गाँव की कहानी है और पद्म श्री डॉ. श्याम सुन्दर जी पालीवाल के जीवन से प्रेरित हैं । जिन्होंने अपनी एक सोच से पूरे गाँव को इस प्रकार बदल दिया कि आज यह गाँव पूरे विश्वभर में बच्चियों के नाम से ही प्रसिद्ध है जिसे “ परियों का गाँव ” भी कहा जाता है । इसी गाँव और पद्मश्री डॉ. श्याम सुन्दर जी पालीवाल के संघर्षो से प्रेरित यह फ़िल्म है। साथ ही यह पहली बायॉपिक फ़िल्म है जो मेवाड़ी भाषा में बनी है जो की हाल ही में राजस्थानी स्टेज़ पर रिलीज़ हुई है।

इस फ़िल्म के माध्यम से एक सामाजिक कुरीति को भी उजागर किया गया है जहाँ बेटी पैदा होना एक अभिशाप माना जाता है वहीं इस कुरीति को ख़त्म करते हुए आज यह गाँव बेटियों के जन्म पर उत्सव मनाता है और बेटी के जन्म पर एक वर्ष में 111 पेड़ लगाए जाते है जो पूरे विश्व में आज यह गाँव एक मिसाल बना हुआ है। यही कारण है की राजस्थान में अभी यह फ़िल्म सोशल मिडिया पर खुब सुर्खिया बटोर रही है साथ ही नेशनल व इंटरनेशनल मिडिया का ध्यान भी इस फ़िल्म की ओर बढ़ा है।

इस फ़िल्म का निर्देशन हिन्दी सिनेमा में कार्यरत निर्देशक राहुल कुमार शुक्ला ने किया है जो की बताते है कि यदी इस फ़िल्म की प्रेरणा से कोई एक गांव भी समृद्ध होता है तो उनकी यह फ़िल्म और इस फ़िल्म को बनाने में की गई उनकी सारी मेहनत सफल हो जाएगी। इस फ़िल्म का प्रीमियर दिनांक 16/08/24 को पिपलांत्री गाँव में ही रखा गया,  साथ ही इस अवसर पर प्रतिवर्ष की भांति पिपलांत्री गाँव में राखी उत्सव भी आयोजित किया गया। इस दिन गाँव की बेटियां अपने पेड़ भाई को राखी बांधती हैं । इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में गौतम दक राज्य मंत्री सहकारिता एवं नागरिक उड़यन मंत्रालय, राजसमंद की सांसद महोदया माननीया महिमा कुमारी जी मेवाड़, राजसमंद विधायिका माननीया दीप्ती माहेश्वरी, सरपंच महोदया श्रीमती अनीता पालीवाल और स्वयं पद्मश्री डॉ. श्याम सुन्दर पालीवाल उपस्थित थे जिन्होंने सभी से इस फ़िल्म को जन-जन तक पहुंचाने की पहल की और सभी ने निर्देशक राहुल कुमार शुक्ला द्वारा बनाई गई इस फ़िल्म की खुब सर्राहना की, साथ ही फ़िल्म के निर्देशक और सभी साथी कलाकारों को सफल फ़िल्म बनाने की बधाई दी ।

उदयपुर क्षेत्र के कलाकार एवं लेखक जगदीश चन्द्र पालीवाल ने इस फ़िल्म को मेवाड़ी भाषा में लिखा वहीं उदयपुर क्षेत्र की राजस्थान की सुप्रसिद्ध कवियत्री डॉ. शकुंतला सरूप्रिया ने इस फ़िल्म के गाने लिखे और अपनी सुरुली आवाज़ के सुरों से इसमें एक गीत भी संजोया ।

फ़िल्म में अधिकांश उदयपुर के कलाकारों द्वारा अभिनय किया गया, वहीं राजस्थान क्षेत्र के ही अन्य कलाकारों ने इसमें उम्दा अभिनय किया ।  दलपत मालवीया ने श्याम सुन्दर जी पालीवाल की भूमिका निभाई, वहीं पूनम कुंवर देवड़ा ( पत्नी ), शिवांगी तिवारी ( बेटी किरण ), लव कुमार सोनी ( जयेश ), मधु चौधरी ( काकी ), नीरज शर्मा ( ठेकेदार ), जगदीश चन्द्र पालीवाल ( भूरा ), कृष्णा नगार्ची ( कला ), तरुण जोशी ( B.D.O. ) ने अभीनय किया और उदयपुर के वरिष्ठ रंगकर्मी एवं दिग्गज़ कलाकारों में शैलेन्द्र जी शर्मा ( काका ), अनिल जी दाधीच ( MLA ), रमेश जी नागदा ( सरपंच ), कल्याण जी वैष्णव ( जयेश फादर )  ने अपनी अनूठी अदाकारी से अपने किरदारों को जिवंत किया एवं उदयपुर के अन्य साथी कलाकारों ने भी इस फ़िल्म में अपनी भूमिका निभाई । बाल कलाकारों में जयदेव मालावत, मासूम, मिशिता शुक्ला एवं अन्य बाल कलाकार साथी के रूप में थे । एस.जे मिडिया & इंटरटेइंटमेंट के बैनर तले बनी इस फ़िल्म में जिनेश जैन और राहुल कुमार शुक्ला ने क्रिएटर के तौर पर काम किया।

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